अल्मोड़ा में भी आ चुकी है ट्रूनेट मशीन(Truenat Machine)— कोरोना जांच के समय को करेगी कम

Truenat Machine

Life Certificate

Truenat Machine has also arrived in Almora – Corona will reduce the time of investigation

अल्मोड़ा,21जून2020—अल्मोड़ा जिले में भी अब कोरोना की शुरूआती जांच तेजी से हो सकेगी, जिले को दो ट्रूनेट मशीन(Truenat Machine) मिल गयी है. जिसमें कोरोना संक्रमितों की जांच हो सकती है.

इस मशीन की सहायता से कोविड अस्पताल में इस मशीन से रोजाना 20 सेंम्पलों की जांच की जा सकती है. आज से ही कोविड के सेम्पलों की जांच भी शुरू हो जाएगी.

Truenat Machine

अल्मोड़ा के डीएम नितिन सिंह भदौरिया ने कहा कि इस मशीन के आ जाने से जांच में गति मिलेगी.यह मशीन उस मशीन से अलग है जो अल्मोड़ा में कोरोना जांच के लिए स्थापित की जानी है.

बताते चले कि प्रवासियों के तेजी से अपने गांवों को आने के चलते हाल के दिनों में अल्मोड़ा जिले में तेजी से कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़ रही है जो अब 149 तक पहुंच चुकी है हालांकि इनमें 75 मरीज उपचार के बाद डिस्चार्ज भी हो गए हैं.

क्या है ट्रूनेट मशीन (Truenat Machine) कैसे देती है कोरोना रिज़ल्ट?

कोविड(Covid-19) की जांच के लिए इस्तेमाल की जाने वाली देशी तकनीक और निर्माण पर आधारित यह मशीन पहले से भी वायरल इंफेक्शन की जांच के लिए प्रयोग में लाई जाती है. इस वक्त सरकार भी मान रही है कि कोरोना संक्रमितों के परीक्षण में कुछ अधिक ही समय लग रहा है.इस लिए ट्रूनेट नाम की इस मशीन को उपलब्ध कराया जा रहा है.

इस देशी मशीन का का उपयोग ड्रग रेसिस्टेंट टीबी की जांच के भी लिए होता रहा है. इस वर्ष अप्रैल महीने में ही मेडिकल रिसर्च की भारतीय परिषद(ICMR) ने इस मशीन को कोविड 19 की जांच के लिए मंज़ूरी दी थी.

यह है इस मशीन (Truenat Machine)का जांच सिस्टम

यह बैटरी से चलती है इसके लिए प्रशिक्षित लोग आपरटिंग का काम करते हैं.परीक्षण करने वाला तकनीशियन पीपीई किट पहनकर ही मानकों के अनुरूप गले और नाक के स्वैब के नमूने लेते हैं. खास बात यह है कि ट्रूनैट मशीन आधे से एक घंटे के भीतर नतीजा दे सकती है.

यह मशीन फोर वे ओर टूवे संस्करण में आती है.टू वे मशीन 16 से 24 नमूने हैंडल कर पाती है. वहीं, सिंगल वे मशीन एक समय में 8 से 12 नमूनों की प्रक्रिया कर सकती है.इस मशीन के इस्तेमाल से जांच की लागत डेढ़ हजार तक आ सकती है. यह मशीन डीएनए में लक्षण पहचानने की तकनीक का इस्तेमाल करती है और पीसीआर के साथ ही रिवर्स ट्रांस्क्रिप्शन पीसीआर करती है.

(विभिन्न समाचार स्रोतों से संकलित).

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