उत्तराखंड की प्रसिद्ध चारधाम यात्रा 30 अप्रैल से शुरू होने जा रही है। इस पावन यात्रा की शुरुआत गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट खुलने से होगी, इसके बाद दो मई को केदारनाथ और चार मई को बदरीनाथ धाम के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खोले जाएंगे। हर साल लाखों श्रद्धालु इन धामों की यात्रा पर निकलते हैं, जिनमें से बहुत बड़ी संख्या में लोग सड़क मार्ग का उपयोग करते हैं। ऐसे में यात्रियों की सुरक्षा को लेकर शासन, प्रशासन और परिवहन विभाग पिछले कई दिनों से तैयारियों में जुटा हुआ है। इन्हीं तैयारियों के तहत परिवहन विभाग ने इस बार ड्राइवरों को लेकर एक विस्तृत एडवाइजरी जारी करने की योजना बनाई है, जिसका पालन सभी वाहन चालकों के लिए अनिवार्य होगा।
परिवहन विभाग द्वारा तैयार की जा रही इस एडवाइजरी में कुल 43 मानक तय किए गए हैं। इसका मुख्य उद्देश्य यात्रा मार्ग पर होने वाली सड़क दुर्घटनाओं को रोकना और यात्रियों की जान-माल की सुरक्षा सुनिश्चित करना है। चारधाम यात्रा के दौरान हर साल कई सड़क हादसे सामने आते हैं, जिनमें अधिकांश दुर्घटनाएं वाहन चालकों की लापरवाही के कारण होती हैं। इस बार इस समस्या से निपटने के लिए विभाग ने कई सख्त दिशा-निर्देश जारी किए हैं।
इन दिशा-निर्देशों के तहत अब ड्राइवरों को वाहन चलाते समय चप्पल पहनने की अनुमति नहीं होगी, उन्हें जूते या बूट पहनना अनिवार्य होगा। चारधाम यात्रा मार्ग पर रात 10 बजे से सुबह 4 बजे तक वाहनों का संचालन प्रतिबंधित रहेगा ताकि अंधेरे और थकावट से होने वाली दुर्घटनाओं को रोका जा सके। सभी कमर्शियल वाहनों को ग्रीन कार्ड और ट्रिप कार्ड रखना अनिवार्य होगा और साथ ही फिटनेस सर्टिफिकेट, आरसी, बीमा, पॉल्यूशन सर्टिफिकेट, परमिट और टैक्स से जुड़े सभी वैध दस्तावेज साथ में रखने होंगे।
सड़क सुरक्षा नियमों के तहत मोटर वाहन अधिनियम की धारा 177A के अनुसार यदि कोई चालक सामान्य ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करता है, तो उसके खिलाफ सजा का प्रावधान किया गया है। प्रत्येक वाहन में फर्स्ट एड किट, अग्निशमन यंत्र, लकड़ी का गुटका और रस्सी रखना अनिवार्य होगा, ताकि आपात स्थिति में उसका उपयोग किया जा सके। इसके साथ ही ड्राइवर को अपने वाहन में कूड़ादान और उल्टी के लिए बैग रखना भी जरूरी होगा। दोपहिया वाहन चालकों और पीछे बैठने वाले व्यक्ति दोनों को हेलमेट पहनना अनिवार्य किया गया है।
जो वाहन चारधाम यात्रा पर जा रहे हैं, उनके सभी दस्तावेज जैसे पंजीकरण, फिटनेस, बीमा और परमिट पूरी तरह वैध और अपडेटेड होने चाहिए। वाहन को खड़ा करने के लिए केवल सुरक्षित स्थान का ही चयन किया जाएगा और वहां पर हैंडब्रेक के साथ लकड़ी के गुटके का इस्तेमाल किया जाएगा ताकि वाहन लुढ़क न सके। पर्वतीय मार्गों पर वाहन चलाने के लिए केवल प्रशिक्षित चालकों को ही अनुमति दी जाएगी और अनट्रेंड ड्राइवरों को यात्रा मार्ग पर वाहन चलाने की इजाजत नहीं दी जाएगी।
एलपीजी, डीजल और पेट्रोल जैसे ज्वलनशील पदार्थों को वाहन में ले जाने पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया गया है। सभी गाड़ियों के पीछे त्रिकोणीय रेडियम बोर्ड लगाना भी अनिवार्य किया गया है ताकि रात के समय वाहन को आसानी से देखा जा सके और टकराव की घटनाएं रोकी जा सकें। किसी भी वाहन में निर्धारित सीमा से अधिक यात्रियों को बैठाना सख्त वर्जित होगा और यदि कोई चालक इन दिशा-निर्देशों का उल्लंघन करता है, तो उसका ड्राइविंग लाइसेंस निलंबित किया जा सकता है।
परिवहन विभाग की यह नई एडवाइजरी एक महत्वपूर्ण कदम है जो न सिर्फ चारधाम यात्रा को अधिक सुरक्षित बनाएगा, बल्कि यात्रियों में भी जागरूकता और अनुशासन की भावना विकसित करेगा। उम्मीद की जा रही है कि इन सख्त नियमों के पालन से इस बार यात्रा और भी व्यवस्थित, सुरक्षित और सुगम हो सकेगी।