वाहनों के शीशे पर होलोग्राम स्टीकर नहीं लगने पर अब प्रदूषण जांच प्रमाण पत्र नहीं मिलेगा। सुप्रीम कोर्ट ने सख्ती के बाद अब दिल्ली के परिवहन विभाग ने सभी पीयूसी केंद्रों को आदेश जारी किए हैं।
परिवहन विभाग की ओर से नियमों का पालन न करने पर और बिना होलोग्राम स्टीकर वाले वाहनों पर किसी भी सूरत में पीयूसी सर्टिफिकेट जारी नहीं करने का आदेश दिया गया है। नियमों का पालन न करने वाले वाहनों को प्रदूषण जांच केन्द्र से लौटना शुरू कर दिया गया है।
हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट के साथ-साथ डीजल पेट्रोल और सीएनजी से चलने वाले वाहनों के शीशे पर अलग-अलग रंग के होलोग्राम स्टीकर लगाया जाना अनिवार्य है।
क्रोमियम आधारित इस स्टीकर से दूर से ही वाहन की पहचान हो जाएगी कि वह किस तरह के ईंधन से संचालित हो रहा है। प्रदूषण को कम करने की पहल के लिए यह रंग आधारित स्टीकर लगाना जरूरी कर दिया गया है।
सुप्रीम कोर्ट ने 27 जनवरी को इस संबंध में आदेश दिए इसके बाद ही परिवहन विभाग में ऐसे स्टीकर लगाने के लिए वाहन मालिकों पर सख्ती करना शुरू कर दिया। इस स्टीकर को न लगने वाले वाहनों की फिटनेस और परमिट का काम रोक दिया जाएगा। पर्यावरण विभाग ने दिल्ली में 850 से ज्यादा प्रदूषण केंद्र संचालकों को पत्र भी भेज दिया है।
परिवहन विभाग की ओर से सॉफ्टवेयर भी अपडेट किया गया है ताकि होलोग्राम स्टीकर ना होने वाले वाहनों का प्रदूषण जांच प्रमाण पत्र अपलोड ना किया जा सके।
दिल्ली पेट्रोल डीलर्स एसोसिएशन के महासचिव विवेक बनर्जी का कहना है कि परिवहन विभाग की ओर से पुछ केदो को आदेश पत्र मिलने शुरू हो गए हैं। इसके आधार पर आदेशों का पालन करना शुरू कर दिया गया है।
प्रदूषण जांच के दौरान वाहनों का वीडियो बनाया जा रहा है जिसमें होलोग्राम स्टीकर को शामिल किया जा रहा है जिन वाहनों पर होलोग्राम स्टीकर नहीं है उन्हें प्रमाण पत्र नहीं दिया जा रहा।
दिल्ली परिवहन विभाग की ओर से होलोग्राम स्टीकर नहीं लगवाने वाले वाहन मालिकों को मोबाइल फोन पर संदेश भेजे जा रहे हैं। संदेश में जल्द से जल्द होलोग्राम स्टीकर लगवा को कहा गया है।
अब संदेशों को अपडेट कर बताया जा रहा है कि रंग आधारित यह स्टीकर नहीं लगवाने पर उनके वाहन को पीयूसी सर्टिफिकेट जारी नहीं किया जाएगा।