TRAI ने लिया बड़ा फैसला, अब स्पैम और फ्रॉड कॉल्स पर लगेगी रोक

भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (TRAI) ने टेलीकॉम ऑपरेटरों को निर्देश जारी किए है कि वह उन व्यवसायों के बल्क कनेक्शन को डिस्कनेक्ट और ब्लैकलिस्ट करें…

TRAI took a big decision, now spam and fraud calls will be banned

भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (TRAI) ने टेलीकॉम ऑपरेटरों को निर्देश जारी किए है कि वह उन व्यवसायों के बल्क कनेक्शन को डिस्कनेक्ट और ब्लैकलिस्ट करें जो स्पैम गतिविधियों में शामिल हैं।

TRAI ने यह फैसला बढ़ती स्पैम और धोखाधड़ी कॉल्स को रोकने के लिए लिया है। जिससे लाखों यूजर्स प्रभावित हो रहे हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार 1 सितंबर 2024 से टेलीकॉम ऑपरेटर उन संदेशों को ब्लॉक करना शुरू कर सकते हैं, जिनमें ऐसे URLs या APKs होंगे जो वाइटलिस्ट में नहीं हैं।

टाइम्स नाउ की एक रिपोर्ट के मुताबिक TRAI ने टेलीकॉम ऑपरेटरों को स्पैम गतिविधियों में शामिल व्यवसायों के खिलाफ तुरंत कार्रवाई करने का निर्देश दिए है। जिसमें रोबो कॉल्स, प्री-रिकॉर्डेड वॉयस कॉल्स और धोखाधड़ी वाले एसएमएस मैसेज भी शामिल है। टेलीकॉम सेवा प्रदाताओं (TSPs) को 31 अक्टूबर 2024 तक तकनीकी कार्यान्वयन पूरा करने का निर्देश दिया गया है। 1 सितंबर 2024 से टेलीकॉम ऑपरेटर उन संदेशों को ब्लॉक करना शुरू कर सकते हैं जिनमें वाइटलिस्ट में शामिल नहीं किए गए URLs या APKs हैं।

टेलीकॉम सेवा प्रदाताओं को एंटिटी और टेलीमार्केटर चेन बाइंडिंग के तकनीकी कार्यान्वयन को पूरा करने के लिए कहा गया है। इससे संदेशों के प्रवाह को ट्रेस करना और स्पैम तथा धोखाधड़ी संदेशों के स्रोत को ब्लॉक करना आसान हो जाएगा। यह पहल हानिकारक लिंक और ऐप्लिकेशन के प्रसार को रोकने में भी सहायक होगी।

यह निर्णय TRAI और प्रमुख टेलीकॉम कंपनियों जैसे BSNL, Airtel, Reliance Jio, और Vodafone Idea के नियामक प्रमुखों के बीच हुई बैठक के बाद लिया गया. बैठक में हानिकारक लिंक वाले संदेशों को रोकने के लिए URLs को वाइटलिस्ट करने के महत्व पर चर्चा की गई। TRAI ने पहले भी टेलीकॉम ऑपरेटरों को अपने मोबाइल ऐप्स और वेब पोर्टल्स को बेहतर बनाने के निर्देश दिए थे ताकि यूजर्स स्पैम की शिकायतें आसानी से दर्ज की जा सकें।

इसके साथ ही एक बैठक में एक और महत्वपूर्ण विषय पर चर्चा हुई, जिसमें बड़ी संख्या में कॉल करने वाले टेलीमार्केटर्स और व्यवसायों को एक डिस्ट्रिब्यूटेड लेजर टेक्नोलॉजी (DLT) प्लेटफॉर्म पर स्थानांतरित करने का सुझाव दिया गया। यह प्लेटफॉर्म ब्लॉकचेन तकनीक पर आधारित है और विशेष रूप से सेंडर IDs को हैंडल और ट्रैक करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। इस परिवर्तन से इन IDs के बेहतर प्रबंधन और नियंत्रण में सुधार हो सकता है।