उत्तराखंड में बारिश के साथ मुश्किलें और ज्यादा बढ़ती जा रही हैं। बताया जा रहा है बदरीनाथ रूट पर सुरक्षा की दृष्टि से 2100 से ज्यादा श्रद्धालुओं को सुरक्षित स्थानों पर रोक दिया गया है। प्रदेश में देर शाम तक एक नेशनल पांच स्टेट हाईवे समेत 98 सड़के बंद कर दी गई।
यूपी, एमपी, राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र आदि राज्यों से चारधाम सहित पर्वतीय रूटों पर निकने श्रद्धालु और पर्यटक बुरी तरह से फंस गए हैं। यात्रियों को रेसक्यू कर सुरक्षित स्थान पर भेजा गया है। दूसरी ओर, देरहादून के जौलीग्रांट व पंतनगर एयरपोर्ट पर हवाई सेवाएं भी प्रभावित रहीं।
कर्णप्रयाग रानीखेत हाईवे पर शनिवार रात कोहरे में कार खाई में गिरने से दो महिलाओं की भी मौत हो गई। कुमाऊं के शक्ति फार्म में एक ग्रामीण काटना नाले में डूब कर मर गया। रविवार को भारी बारिश के चेतावनी के चलते चार धाम यात्रियों को ऋषिकेश से आगे नहीं जाने दिया गया।
हालांकि चार धाम रोड पर अलग-अलग जगह रुके यात्रियों ने केदारनाथ, गंगोत्री व यमुनोत्री के लिए मौसम और स्थितियां अनुकूल होने के चलते दर्शन किए। उधर, बदरीनाथ हाईवे जोशीमठ के पास बंद होने से यात्रा बाधित रही।
इस रूट पर सुरक्षा को देखते हुए जोशीमठ में 500 बद्रीनाथ में 1000 वह हेमकुंड यात्रा से लौट रहे 600 यात्रियों को गोविंद घाट पर रोक दिया गया धाम की ओर बढ़ रहे कुछ यात्रियों को प्रशासन ने सुरक्षित स्थान पर वापस कर दिया। बदरीनाथ हाईवे रविवार देर रात तक नहीं खुला था।
दूसरी तरफ तोताघाटी में बदरीनाथ हाईवे 30 घंटे बाद रविवार सुबह खुला। उत्तराखंड में रविवार को मलबा आने से 244 सड़कें बाधित हुईं। इनमें से 146 सड़कें खोल दी गईं। चमोली में बिजली लाइनें टूटने से पांडुकेश्वर से बदरीनाथ तक सप्लाई ठप रही।