उत्तराखंड में केदारनाथ मार्ग पर लिंचोली मे मलबे में दबे तीन और शव हुए बरामद, मृतकों की हुई शिनाख्त

उत्तराखंड के केदारनाथ पैदल मार्ग पर पिछले माह अतिदृष्टि और बादल फटने से आई आपदा के मलबे में गुरुवार को तीन और शव बरामद किए…

Three more bodies buried in the debris were recovered in Lyncholi on the Kedarnath road in Uttarakhand, the deceased have been identified

उत्तराखंड के केदारनाथ पैदल मार्ग पर पिछले माह अतिदृष्टि और बादल फटने से आई आपदा के मलबे में गुरुवार को तीन और शव बरामद किए गए। रुद्रप्रयाग जिला आपदा केंद्र का कहना है कि यह शव दोपहर बाद तलाशी अभियान के दौरान लिंचोली से बरामद हुए हैं।

इन शवो के पास मिले आधार कार्ड और एटीएम कार्ड के जरिए मृतकों की पहचान सुमित शुक्ला, कृष्णा पटेल और लाल बहादुर पटेल के रुप मे की गई है। 31 जुलाई के रात केदारनाथ के पैदल रास्ते में भारी बारिश के कारण कई स्थानों पर भूस्खलन हो गया था। लिंचोली पड़ाव में भी भूस्खलन होने से उसके मलबे में कई लोग दब गए थे।

लिंचोली में दो लोगों के शव पहले बरामद हुए थे, जबकि गुरुवार को तीन और शव मिले। आज जिन लोगों के शव मिले उनमें सुमित शुक्ला (21) गाजियाबाद का निवासी था, जबकि दो अन्य के बारे में यह पता नहीं चल पाया कि वे कहां के रहने वाले थे।

मौसम बचाव अभियान में खराब मौसम भी बार-बार बाधा बन रहा है। बचाव कार्य में वायु सेवा के चिनूक और एमआई 17 हेलीकॉप्टरों को भी लगाया गया है। निजी हेलीकॉप्टरों की मदद से यात्रियों को रेस्क्यू कर शेरसी हेलीपैड पहुंचाया गया है। इस आपदा में करीब 20 लोगों की मौत हो गई थी।

केदार घाटी में 31 जुलाई की रात को आई आपदा के बाद से ही एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, डीडीआरएफ व लोकल पुलिस राहत-बचाव अभियान में जुटे रहे। इस दौरान हजारों लोगों को रेस्क्यू किया गया।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी भी प्रदेश में आपदा से उत्पन्न स्थिति पर लगातार नजर बनाए रखे थे। पीएमओ ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को हर संभव मदद करने का भरोसा भी दिलाया। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने भी शुक्रवार को मुख्यमंत्री धामी से फोन पर बात कर आपदा और नुकसान की जानकारी ली और लोगों को सुरक्षा के लिए सहायता देने का आश्वासन भी दिया।