अग्निवीर भर्ती प्रक्रिया में किए गए यह बदलाव, चार साल नौकरी के बाद भी सेना की रहेगी नजर

भारतीय सेना ने अग्निपथ योजना के तहत होने वाली अग्निवीर भर्ती प्रक्रिया में बदलाव किया है। अब अग्निवीर क्लर्क और स्टोरकीपर के पदों के लिए…

These changes have been made in the Agniveer recruitment process, the army will keep an eye on them even after four years of service

भारतीय सेना ने अग्निपथ योजना के तहत होने वाली अग्निवीर भर्ती प्रक्रिया में बदलाव किया है। अब अग्निवीर क्लर्क और स्टोरकीपर के पदों के लिए टाइपिंग टेस्ट अनिवार्य होगा।

यह नया नियम 2024-25 के भर्ती सत्र से लागू होगा। जिस संबंध में सेना ने एक अधिसूचना भी जारी कर दी है, और देशभर के सभी सेना बोर्डों को नए नियमों का पालन करने के भी निर्देश दिए है।

हालांकि, टाइपिंग टेस्ट के मानकों के बारे में विस्तृत जानकारी अभी तक सेना द्वारा साझा नहीं की गई है। लेकिन अंग्रेजी के लिए 35 शब्द प्रति मिनट और हिंदी के लिए 30 शब्द प्रति मिनट की स्पीड को लेकर बात चल रही है। इस संबंध में विस्तृत जानकारी जल्द ही सेना की आधिकारिक अधिसूचना में दी जाएगी। इस नए बदलाव के बारे में अधिक जानकारी के लिए सेना की भर्ती वेबसाइट https://www.joinindianarmy.nic.in/ पर अधिसूचना जारी की गई है।

स्टोरकीपर और क्लर्क पद के लिए योग्यता सेना में अग्निवीर क्लर्क और स्टोरकीपर पद पर भर्ती होने के लिए 12वीं कम से कम 60 फीसदी मार्क्स से पास होना चाहिए। वही सभी विषयों में भी कम से कम 50 फीसदी मार्क्स जरूरी हैं। क्लर्क पद के लिए अंग्रेजी, गणित, अकाउंट एवं बुक कीपिंग अनिवार्य है।

उम्र सीमा इन पदों के लिए उम्र सीमा साढ़े 17 से 21 साल है। लिखित परीक्षा अग्निवीर भर्ती प्रक्रिया में विभिन्न चरण शामिल हैं, जिनमें फिजिकल टेस्ट और लिखित परीक्षा प्रमुख हैं। लिखित परीक्षा की अवधि दो घंटे की होती है, जिसमें बहुविकल्पीय प्रश्न पूछे जाते हैं। प्रत्येक गलत उत्तर पर 25% की नकारात्मक मार्किंग होती है। लिखित परीक्षा में सफल होने के लिए सामान्य उम्मीदवारों को न्यूनतम 35 अंक प्राप्त करने आवश्यक होते हैं, जबकि टेक्निकल पदों के उम्मीदवारों के लिए यह सीमा 80 अंक निर्धारित की गई है।

अग्निवीरों के लिए एक खुशखबरी इसके अलावा अग्निवीरों के लिए एक खुशखबरी यह भी है कि रक्षा मंत्रालय को इस साल की शुरूआत में सुझाव मिले हैं कि अग्निवीरों का सेवाकाल समाप्त होने के बाद भी आपातकालीन परिस्थितियों में उनका पुनः उपयोग किया जा सकता है। इन सुझावों पर विचार-विमर्श जारी है, और 2026 से पहले इस संबंध में निर्णय लिए जाने की संभावना है, क्योंकि उसी दौरान अग्निवीरों के पहले बैच का कार्यकाल समाप्त होगा।

फिलहाल, वर्तमान नियमों के अनुसार, 4 साल की सेवा के बाद केवल अधिकतम 25% अग्निवीरों को सेना में स्थायी किया जाएगा, जबकि शेष 75% या उससे अधिक अग्निवीरों को सेवा छोड़नी होगी। सेवा समाप्ति के समय, अधिकांश अग्निवीरों की आयु लगभग 25 वर्ष होगी। हालांकि, पुलिस, अर्धसैनिक बलों और राज्य सेवाओं में रोजगार के कई अवसर उपलब्ध होंगे, लेकिन सेनाओं के लिए भी इन प्रशिक्षित युवाओं का आपातकालीन स्थिति में महत्व बना रह सकता है।