माॅक पोल के दौरान EVM से एक्स्ट्रा वोट मिलने से केरल में मची हलचल, अब सुप्रीम कोर्ट ने दिए जांच के आदेश

इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन यानी ईवीएम के वोटो और वोटर वेरिफिएबल पेपर ऑडिट ट्रेल (VVPAT) पर्चियों के मामले को लेकर गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में अहम…

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इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन यानी ईवीएम के वोटो और वोटर वेरिफिएबल पेपर ऑडिट ट्रेल (VVPAT) पर्चियों के मामले को लेकर गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में अहम सुनवाई हुई।

सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग से वकील प्रशांत भूषण ने कहा है कि केरल के कासरगोड के एक मॉक पोल के दौरान चार EVM में बीजेपी के लिए एक अतिरिक्त वोट रिकॉर्ड हो रहा था।

सुप्रीम जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की खंडपीठ ने यह मौखिक निर्देश तब पारित किया जब EVM-VVPAT मामले की सुनवाई के दौरान EVM मुद्दे से संबंधित रिपोर्ट उसके ध्यान में लाई गई।

Association for democratic reformers की ओर से पेश वकील प्रशांत भूषण ने केरल के कासरगोड निर्वाचन क्षेत्र में एवं किए गए मॉक पोल के संबंध में उठाई गई शिकायतों के बारे में मनोरमा ऑनलाइन द्वारा प्रकाशित एक रिपोर्ट का हवाला दिया है।

इस रिपोर्ट में बताया जा रहा है कि लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट और युनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट दोनों ने जिला कलेक्टर को शिकायत दी थी कि इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों ने गलती से बीजेपी के पक्ष में वोट दर्ज कर दिए हैं।

इस पर कोर्ट के चुनाव आयोग के वकील से इसे दोबारा जांचने का निर्देश भी दिया गया। अदालत उन याचिकाओं पर सुनवाई कर रहा है जिसमें चुनाव के दौरान एवं के माध्यम से डाले गए प्रत्येक वोट का वोटर वेरिफिएबल पेपर ऑडिट ट्रेल (वीवीपीएटी) पर्चियों से मिलान करने का निर्देश देने की मांग की गई थी।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यह चुनावी प्रक्रिया है और इसमें सब कुछ स्पष्ट होना चाहिए। कोर्ट ने कहा कि किसी को भी यह आशंका नहीं होनी चाहिए कि जो कुछ अपेक्षित है वह नहीं किया जा रहा है।

इससे पहले प्रियंका गांधी का कहना था कि अगर देश में ऐसा चुनाव कराया जाए जहां EVM में गड़बड़ी न हो तो वह 180 से ज्यादा सीटे नहीं जीत पाएंगे जिस आधार पर वह कह रहे हैं कि 400 सीटर पार करेंगे। वह पहले ही कुछ कर चुके हैं कि उन्हें पता है कि उन्हें 400 से अधिक सीटें मिल रही हैं।