भरूच, गुजरात में एक ऐसा खौफनाक कत्ल सामने आया है जिसने हर किसी को सन्न कर दिया है। यह घटना 29 मार्च 2025 की है, जब भोलाव इलाके के एक गंदे नाले के पास आवारा कुत्तों को एक संदिग्ध पैकेट नोचते देखा गया। आसपास के लोग जब उस पैकेट के पास पहुंचे, तो अंदर का मंजर देख उनके होश उड़ गए। उस पैकेट में इंसानी सिर रखा हुआ था। जैसे ही पुलिस को इसकी जानकारी दी गई, उन्होंने तत्काल कार्रवाई शुरू की। कुछ ही दिनों में पुलिस को एक-एक कर इंसान के कटे हुए अंग मिलते गए—कहीं हाथ, कहीं पांव, कहीं धड़। यह साफ था कि किसी की बेरहमी से हत्या की गई है।
पुलिस ने जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ाई, लाश के टुकड़ों में छिपा पहला सुराग एक कटी हुई बांह से मिला, जिस पर “सचिन” नाम का टैटू था। इस आधार पर पुलिस ने भरूच शहर के 31 थानों में हाल के दिनों में दर्ज गुमशुदगी के मामलों को खंगाला। इसी दौरान उन्हें “सी डिवीजन” थाने में दर्ज एक रिपोर्ट मिली, जिसमें सचिन नामक युवक की गुमशुदगी की जानकारी दी गई थी। मृतक की पहचान होते ही मामला और भी गंभीर हो गया। सचिन चौहान नाम का यह युवक मूलतः उत्तर प्रदेश के बिजनौर का रहने वाला था और भरूच की एक फैक्ट्री में काम करता था। गुमशुदगी की रिपोर्ट उसके भाई ने दर्ज करवाई थी।
जांच के दौरान पुलिस को पता चला कि सचिन की आखिरी मुलाकात उसके दोस्त शैलेंद्र से हुई थी। हैरानी की बात यह थी कि शैलेंद्र भी अचानक शहर से गायब हो गया और उसका मोबाइल स्विच्ड ऑफ हो गया। शक की सुई उसी पर टिकने लगी। पुलिस ने शैलेंद्र की तलाश शुरू की और आखिरकार उसे उत्तर प्रदेश के बिजनौर से गिरफ्तार कर लिया गया। पूछताछ में शैलेंद्र ने स्वीकार किया कि उसने ही सचिन की हत्या की और लाश को नौ टुकड़ों में काट कर अलग-अलग जगहों पर ठिकाने लगा दिया।
जब हत्या के पीछे की वजह सामने आई, तो पूरा मामला और भी चौंकाने वाला बन गया। शैलेंद्र ने बताया कि उसके मोबाइल में उसकी पत्नी के साथ कुछ निजी तस्वीरें थीं, जिन्हें सचिन ने चोरी-छुपे अपने फोन में भेज लिया था। इसके बाद से वह उसे ब्लैकमेल करने लगा। कई दिनों की मानसिक यातना के बाद शैलेंद्र ने सचिन को 24 मार्च की रात अपने किराये के घर बुलाया, शराब पिलाई और फिर डिनर के बाद जब सचिन सो गया, तो उसने चुपके से उसका फोन उठाकर तस्वीरें डिलीट करनी शुरू कीं। लेकिन तभी सचिन की नींद खुल गई और दोनों में बहस होने लगी। इसी दौरान शैलेंद्र ने किचन से चाकू उठाया और ताबड़तोड़ वार कर सचिन को मार डाला।
कत्ल के बाद उसने बड़ी साजिश के तहत लाश के टुकड़े किए। उसने लाश को ठिकाने लगाने के लिए महिलाओं का नाइट गाउन पहना ताकि सीसीटीवी कैमरे उसकी पहचान न कर सकें। कुछ दिनों तक वह भरूच में ही रुका, सचिन के मोबाइल से लोगों से सिर्फ मैसेज के जरिए बातचीत करता रहा ताकि लगे कि सचिन अभी जिंदा है। फिर वह बिजनौर भाग गया। जाते-जाते वह सचिन का एटीएम कार्ड और उसका पिन भी ट्रेन में छोड़ गया, ताकि पुलिस को गुमराह किया जा सके। लेकिन अंततः पुलिस ने उसकी चालें पहचान लीं और उसे गिरफ्तार कर लिया।
यह पूरी घटना सिर्फ एक अपराध नहीं, बल्कि दोस्ती और विश्वास के कत्ल की भी कहानी है। एक ऐसा जुर्म, जिसने यह दिखा दिया कि जब मन में बदला पलता है, तो इंसान हैवान बन सकता है।