उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले से एक सनसनीखेज और चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जिसने पूरे इलाके को स्तब्ध कर दिया है। यह घटना मेरठ के सौरभ हत्याकांड की याद दिलाती है, जहां एक महिला ने अपने ही पति की गला घोंटकर हत्या कर दी और बाद में उसे हार्ट अटैक का रूप देने का प्रयास किया। मामला बिजनौर के नजीबाबाद क्षेत्र के हल्दौर थाना अंतर्गत मोहल्ला आदर्श नगर का है, जहां दीपक कुमार नामक एक रेलकर्मी अपने एक वर्षीय बेटे और पत्नी शिवानी के साथ किराये के मकान में रह रहा था। दीपक रेलवे स्टेशन नजीबाबाद में कैरिज एंड वैगन विभाग में तकनीकी कर्मचारी के पद पर कार्यरत था।
चार अप्रैल की दोपहर शिवानी ने परिजनों को फोन कर बताया कि दीपक को अचानक हार्ट अटैक आया है। वह पति को एक निजी अस्पताल ले गई और वहां से समीपुर के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भी पहुंची, लेकिन डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। इस दौरान शिवानी अपने पति का पोस्टमार्टम नहीं कराना चाहती थी, लेकिन जब परिजनों ने दीपक के गले पर संदिग्ध निशान देखे, तो उन्होंने पोस्टमार्टम की मांग की। रिपोर्ट सामने आते ही सच्चाई उजागर हो गई। रिपोर्ट में साफ हुआ कि दीपक की मौत हार्ट अटैक से नहीं, बल्कि गला घोंटने से हुई थी।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद जब पुलिस ने शिवानी से पूछताछ की, तो शुरुआत में वह लगातार गुमराह करती रही। लेकिन सख्ती से पूछे जाने पर उसने हत्या की बात कबूल कर ली। हालांकि, उसने यह नहीं बताया कि वारदात के वक्त उसके साथ और कौन था। प्रारंभिक पूछताछ में उसने एक युवक का नाम लिया, लेकिन जांच में वह निर्दोष निकला। फिलहाल पुलिस इस पूरे हत्याकांड में शामिल दूसरे व्यक्ति की पहचान करने में जुटी हुई है और यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि हत्या के पीछे प्रेम प्रसंग, पारिवारिक विवाद या पैसों से जुड़ा कोई कारण है या नहीं।
दीपक की मां पुष्पा और भाई पीयूष ने आरोप लगाया कि शिवानी का शुरू से ही ससुराल वालों के साथ व्यवहार अच्छा नहीं था। वह अक्सर सास से झगड़ा करती थी और घरेलू कलह बढ़ती जा रही थी। इन हालातों से परेशान होकर दीपक कुछ समय पहले ही पत्नी को लेकर किराये पर अलग रहने लगा था। उनका एक साल का बेटा वेदांत है। मृतक का परिवार इस घटना से बेहद गमगीन है और उनका कहना है कि शिवानी ने फंड और मृतक आश्रित में सरकारी नौकरी पाने के लालच में दीपक की हत्या की।
पुलिस की जांच में यह भी सामने आया है कि हत्या रस्सी से गला घोंटकर की गई थी। जब पोस्टमार्टम किया गया, तो दीपक के गले में खाद्य पदार्थ फंसा हुआ मिला, जिससे अंदाजा लगाया गया कि हत्या उस समय की गई जब वह कुछ खा रहा था। यह घटना न सिर्फ पारिवारिक रिश्तों की जटिलता को उजागर करती है, बल्कि समाज में तेजी से बदलते मूल्यों पर भी सवाल खड़े करती है। पुलिस अभी भी जांच में जुटी है और जल्द ही पूरे मामले की परतें खोलने की कोशिश कर रही है।