नकली यूपीआई ऐप्स से बढ़ा धोखे का खतरा, गूगल पे और फोनपे जैसे दिखने वाले ऐप्स से दुकानदारों को बनाया जा रहा शिकार

हाल ही में सुरक्षा विशेषज्ञों ने यूपीआई अनुप्रयोगों का उपयोग करने वाले लोगों के लिए एक नई ठगी की चाल पर चेतावनी जारी की है।…

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हाल ही में सुरक्षा विशेषज्ञों ने यूपीआई अनुप्रयोगों का उपयोग करने वाले लोगों के लिए एक नई ठगी की चाल पर चेतावनी जारी की है। उनके अनुसार, अपराधी अब नकली यूपीआई अनुप्रयोग बनाकर दुकानदारों और व्यापारियों को धोखे में डाल रहे हैं। इस चाल में अपराधी ऐसे जाली अनुप्रयोग का उपयोग करके भुगतान करने का दिखावा करते हैं, जिससे उपयोगकर्ता को यह भ्रम होता है कि लेन-देन सफलतापूर्वक हो गया है, जबकि वास्तव में धन का हस्तांतरण नहीं हुआ होता। उदाहरण स्वरूप, भुगतान के समय मोबाइल से सुनी गई ध्वनि यह संकेत देती है कि लेन-देन पूरा हो गया, परन्तु खाते में राशि नहीं जुड़ती।

ये नकली अनुप्रयोग अक्सर संदेश मंचों पर प्रचारित किए जाते हैं, जहाँ अपराधी वास्तविक यूपीआई अनुप्रयोग की भांति दिखने वाले नकली अनुप्रयोग प्रस्तुत करते हैं। जब दुकानदार या व्यापारी अपने मोबाइल पर भुगतान की पुष्टि करते हैं, तो वे केवल सुनाई देने वाली ध्वनि पर निर्भर हो जाते हैं, जिससे उन्हें वास्तविक लेन-देन की जानकारी नहीं मिल पाती। इस प्रकार के धोखे में पड़ने से, असली भुगतान न होने के बावजूद, व्यापारी ठगी का शिकार हो जाते हैं।

सुरक्षा विशेषज्ञों ने सभी उपयोगकर्ताओं से आग्रह किया है कि केवल ध्वनि पर निर्भर न रहें, बल्कि तुरंत अपने अनुप्रयोग में जाकर खाते की स्थिति की जांच करें। यदि कोई असामान्यता दिखाई दे, तो शीघ्र ही नजदीकी पुलिस थाने या साइबर सहायता केंद्र से संपर्क करें। इस प्रकार के जाली ठगी से बचाव के लिए सतर्कता और नियमित सत्यापन अत्यंत आवश्यक हो गया है।