रुड़की शहर में टमाटर के दाम 100 रुपये पर पहुंच गए हैं और टमाटर की क्वालिटी भी खराब है। टमाटर के दामों को सुन ग्राहक भी परेशान है।
पहाड़ के खेतों का टमाटर तो रुड़की की मंडी में नहीं के बराबर पहुंच पा रहा है। जिसके चलते लोगों को खासा दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। टमाटर की यह किल्लत अगले कुछ दिनों तक बनी रहेगी।
रुड़की शहर में वर्षभर टमाटर की खपत एक दिन में 100 क्विंटल रहती है। मार्च एवं अप्रैल माह में तो स्थानीय खेतों से भी भरपूर मात्रा में टमाटर आता हैं। अन्य दिनों में टमाटर दिल्ली की आजादपुर मंडी के अलावा पर्वतीय जिलों से भी टमाटर की काफी आता है।
जुलाई माह से लेकर सितंबर तक रुड़की मंडी में अधिकांश टमाटर विकासनगर, सहिया, चकराता, उत्तरकाशी आदि स्थानों से पहुंचता है। इसके साथ ही टिहरी जनपद से भी आवक होती है। करीब सप्ताह भर से पर्वतीय क्षेत्रों में लगातार वर्षा होने की वजह से रास्ते बंद हो गए हैं। जिसकी वजह से पहाड़ का टमाटर रुड़की नहीं पहुंच पा रहा है।
इसकी वजह से अब रुड़की मंडी में 50 क्विंटल टमाटर ही पहुंच पा रहा है। जो टमाटर मंडी में आ भी रहा है उसकी क्वालिटी भी इतनी बढ़िया नहीं है। ऐसे में आने वाले समय में परेशानी और अधिक बढ़ सकती है जबकि इस समय कांवड़ मेला होने की वजह से टमाटर की डिमांड काफी अधिक रहती है। ऐसे में टमाटर के दाम लगातार बढ़ रहे हैं। मंडी सचिव कुलदीप नौटियाल की माने तो कांवड़ मेला संपन्न होने के बाद ही टमाटर की आवक में सुधार की उम्मीद है।