हरी सब्जियों के रेट बढ़े, आगे भी राहत मिलने की नहीं दिख रही कोई उम्मीद

हरी सब्जियों के दाम अब आसमान छू रहे हैं। खुदरा बाजार यानी शहर की आम दुकान में ठेलों पर तरह-तरह की हरी सब्जियां ₹80 किलो…

The price of green vegetables has increased, there is no hope of any relief in the future

हरी सब्जियों के दाम अब आसमान छू रहे हैं। खुदरा बाजार यानी शहर की आम दुकान में ठेलों पर तरह-तरह की हरी सब्जियां ₹80 किलो और 120 – 140 रुपए प्रति किलो बिक रही है। कम से कम दो सप्ताह से यह स्थिति लगातार बनी हुई है।

लोगों का कहना है कि दीपावली के कारण सब्जियों की महंगाई बढ़ रही है। हालांकि व्यापारियों का कहना है कि अभी कम से कम महीने में महंगाई से राहत मिलने के आसार नहीं हैं। थोक सब्जी मंडी में दीपावली के अवकाश के बाद शनिवार से फिर कारोबार शुरू होगा।

दामों में और भी उछाल आ सकता है

कारोबारी का कहना है कि शनिवार सुबह से सब्जियो के दाम और ज्यादा बढ़ाने की उम्मीद है। गांव में पड़वा यानी गोवर्धन पूजा का त्योहार शनिवार को मनाया जा रहा है। ऐसे में बहुत कम किसान सब्जियां बेचने के लिए थोक मंडी में आएंगे। अभी भाईदूज तक आवक कम रहेगी और दामों में और भी उछाल आ सकता है।

निमाड़ से आ रही सब्जियां

ठोक पारिवारिक का कहना है कि बीते दिनों बारिश के कारण आसपास के क्षेत्र में सबसे खराब हो गए। अब इंदौर में जो सब्जियों की आवक हो रही है। वह निमाड़ के नर्मदा नहर वाले क्षेत्रों से आ रही है। आवक सीमित है और शहर में मांग ज्यादा है।

ऐसे में सब्जियों के दाम ऊंचे बने हुए हैं। चौधरी के अनुसार ठंड शुरू होने के बाद सब्जियों की नई फसल की आवक बढ़ेगी। उसके बाद ही दामों में राहत मिल सकती है। इसमें भी कम से कम एक महीना और लग सकता है।

थोक से दोगुना दाम बाजार में

उपभोक्ताओं के लिए सब्जियां महंगी होने का सबसे बड़ा कारण यह है कि तगड़ा मुनाफा कमाया जा रहा है। थोक सब्जी में अभी तक दो सब्जियां सबसे ज्यादा महंगी है- मटर और सूरजना फली। इन दोनों के दाम थोक मंडी में 100 रुपये किलो से पार हैं।

शेष सब्जियां जैसे गिलकी, ककड़ी, हरी मिर्च, भिंडी, टिंडा व अन्य सब्जियां 30 से 40 रुपये किलो के दाम पर बिक रही हैं, जबकि कद्दू, लौकी जैसी कुछ सब्जियां तो 10 से 15 रुपये किलो के दाम पर ही बिक रही रही हैं। हालांकि खेरची बाजार में इन्हें दो से तीन गुना दाम पर बेचा जा रहा है।