लखनऊ की खबर ने बढ़ा दी सभी की चिंता, बेहद शाॅकिंग है यह न्यूज़, आखिर जानिए बच्चों में क्यों बढ़ रहे हार्ट अटैक के मामले?

लखनऊ के मोंटफोर्ट स्कूल से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। यहां एक कक्षा तीन की छात्रा अचानक गिर गई और उसकी मौत हो…

The news from Lucknow has increased everyone's concern, this news is very shocking, know why cases of heart attack are increasing in children?

लखनऊ के मोंटफोर्ट स्कूल से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। यहां एक कक्षा तीन की छात्रा अचानक गिर गई और उसकी मौत हो गई। बच्ची की मौत की वजह हार्ट अटैक बताई जा रही है। इससे पहले भी कई स्कूलों में इस तरह के मामले सामने आ चुके हैं।जहां पर 9 साल के एक छात्र की मौत हो गई थी।इस तरह के मामले सामने आने के बाद बच्चों के स्वास्थ्य को लेकर काफी सवाल खड़े किए जा रहे हैं।

बच्चों में हार्ट अटैक क्यों

जैसा कि सभी को पता है कि बच्चों को खेलकूद काफी पसंद होता है लेकिन ऐसे में अगर अटैक आने लगे तो इससे माता-पिता की चिंता बढ़ जाती है। हेल्थ एक्सपर्ट्स का कहना है कि बच्चों में अटैक के कई कारण होते हैं। सबसे बड़ा कारण उनका मोटापा होता है। शहरी कलर में बच्चों का घरों के बाहर खेलना काफी कम हो गया है जिसकी वजह से उनको बीपी की समस्या बढ़ने लगी है और उनका हार्ट अटैक का खतरा बढ़ गया है।

इसके अलावा बच्चों में जन्म से ही कई परेशानियां होती हैं जो बाद में हार्ट अटैक का कारण बनती हैं। कुछ बच्चों में जन्मजात रोग होते हैं जिसकी वजह से दिल का दौरा पड़ता है

हार्ट अटैक के मामलों में कितनी बढ़ोतरी?

अभी तक केवल नौजवानों के ही हार्ट अटैक के मामले सामने आ रहे थे लेकिन अब बच्चों के हार्ट अटैक के कैसे भी सामने आ रहे हैं, जिससे सभी की चिंता काफी बढ़ गई है। इस पर डॉक्टरों का कहना है कि बच्चों को जन्म से ही दिल की बीमारियां हो रही हैं। कई मामलों में बच्चे मां के पेट में ही कंजेनाइटल हार्ट डिजीज के शिकार हो जाते हैं। जिसकी वजह से दिल में छेद या कुछ दिल से जुड़ी समस्याएं पैदा हो जाती हैं।

कभी-कभी सही से जानकारी न होने के वजह से भी यह खतरा काफी बढ़ गया है। साल 2015 में एक अमेरिकन सर्वे में काफी चौंकाने वाला खुलासा भी हुआ था जिसमें भारत के लगभग 6.5 करोड़ लोगों को दिल की बीमारियां थी। इसमें 2.5 करोड़ लोग 40 की उम्र या उससे कम कम के थे। WHO की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में पिछले 10 सालों में दिल की बीमारी से मरने वालों की तादाद 75 फीसद तक बढ़ गई है।