सिर्फ रेफरल सेंटर बनकर रह गया राज्य के इस जिले का अस्पताल, एंबुलेंस में गूंज रहीं किलकारी

उत्तरकाशी: पहाड़ी क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाओं का बहुत ही बुरा हाल है। वही उत्तरकाशी के जिला अस्पताल के भी हाल बेहाल है। यह अस्पताल पिछले…

The hospital of this district of the state has become just a referral center, the cries of children are echoing in the ambulance

उत्तरकाशी: पहाड़ी क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाओं का बहुत ही बुरा हाल है। वही उत्तरकाशी के जिला अस्पताल के भी हाल बेहाल है। यह अस्पताल पिछले कुछ महीने से रेफरल सेंटर बनकर रह गया है। यहां पर मुख्य अस्पताल से लेकर महिला अस्पताल तक में सुविधाएं न होने के कारण हर रोज आम बीमारी से ग्रसित मरीज को भी हायर सेंटर रेफर किया जा रहा है।

आलम ये है कि हर रोज अस्पताल से प्रसव पीड़िता समेत अन्य मरीजों को 108 और अस्पताल की करीब 7 से 8 एंबुलेंस के जरिए देहरादून के लिए भेजा जा रहा है। वही बीती मंगलवार देर रात को जिला महिला अस्पताल से आनन-फानन में एक गर्भवती महिला को देहरादून के लिए रेफर कर दिया गया। इसमें चौंकाने वाली बात तो यह है कि करीब 7 किमी आगे जाते ही एंबुलेंस में ही डिलीवरी हो गई। वहीं, 108 कर्मियों ने महिला का सुरक्षित प्रसव करवाया। फिलहाल, जच्चा-बच्चा दोनों सुरक्षित हैं।


जानकारी के अनुसार भटवाड़ी विकासखंड के गोरशाली गांव की 21 वर्षीय गर्भवती सुषमा को उनके परिजन बुधवार शाम को प्रसव पीड़ा के चलते जिला महिला अस्पताल लेकर पहुंचे तेज दर्द के चलते उन्हें करीब पौने 9 बजे अस्पताल के डॉक्टरों और स्टाफ ने बताया कि यहां पर प्रसव नहीं हो सकता, इसलिए उन्हें हायर सेंटर रेफर कर दिया।

रेफर होने के बाद 108 के माध्यम से महिला को देहरादून भेजा गया। जैसे ही एंबुलेंस करीब 7 किमी की दूरी पर बंदरकोट में रतूड़ीसेरा के पास पहुंची, वैसे ही प्रसव पीड़ा तेज हो गई। ऐसे में 108 कर्मियों ने उनका एंबुलेंस में ही सुरक्षित प्रसव करवाया।

बीते दिनों जिलाधिकारी मेहरबान सिंह बिष्ट की ओर से जिला समेत महिला अस्पताल प्रबंधन को निर्देशित किया गया था कि किसी भी मरीज को गंभीर परिस्थिति से पहले रेफर न किया जाए, लेकिन बीते एक दो महीने से हर दिन करीब 7 से 8 मरीज हायर सेंटर भेजे जा रहे हैं। जिला अस्पताल के कर्मचारियों से मिली सूचना के अनुसार, आम बीमारी से ग्रसित मरीज हर रोज 6 से 7 रेफर किए जा रहे हैं।

इसके साथ ही प्रसव से संबंधित 3 से 4 महिलाओं को हायर सेंटर भेजा जा रहा है। स्थानीय निवासी रमेश चौहान, दिनेश सेमवाल समेत अन्य लोगों का कहना है कि दूरस्थ क्षेत्रों से लोग अस्पताल में इलाज करवाने पहुंच रहे हैं, लेकिन विशेषज्ञ डॉक्टरों के होने के बावजूद भी उन्हें समुचित इलाज नहीं मिल पा रहा है। इसके साथ ही महिला अस्पताल में विशेषज्ञ डॉक्टर न होने के साथ ही प्लेटलेट टेस्ट की सुविधाएं ही उपलब्ध नहीं हैं।

उत्तरकाशी जिला अस्पताल के सीएमएस डॉक्टर पीएस पोखरियाल का कहना है कि रेफर मरीजों की संख्या की जानकारी नर्सिंग अधिकारी देंगी। वहीं, दूसरी ओर महिला अस्पताल में एकमात्र डॉक्टर शमा का कहना है कि महिला रोग विशेषज्ञ समेत प्लेटलेट टेस्ट और अन्य मशीनें नहीं होने के कारण मरीजों को रेफर करना पड़ता है।