नोएडा में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की एक बड़ी कार्रवाई में एक ऑनलाइन पोर्नोग्राफी रैकेट का पर्दाफाश हुआ है, जिसमें पति-पत्नी मिलकर इस अवैध धंधे को चला रहे थे। इस गिरोह का संचालन एक फ्लैट से किया जा रहा था, जहां पर ऑनलाइन पोर्न कंटेंट तैयार किया जाता था। ईडी की जांच में यह सामने आया कि आरोपी सोशल मीडिया के जरिए लड़कियों को ज्यादा पैसे कमाने का लालच देकर इस कारोबार में धकेलते थे। खासतौर पर फेसबुक पर एक पेज बनाया गया था, जिसमें मॉडलिंग के ऑफर दिए जाते थे। जब लड़कियां इंटरव्यू के लिए आती थीं, तो आरोपी महिला उन्हें इस अवैध रैकेट का हिस्सा बनने का प्रस्ताव देती थी। उन्हें एक से दो लाख रुपये तक कमाने का लालच दिया जाता था, जिससे कई लड़कियां इसमें शामिल हो जाती थीं।
ईडी ने जब छापा मारा, तो वहां तीन लड़कियां लाइव स्ट्रीमिंग के जरिए पोर्नोग्राफी कंटेंट बना रही थीं। पूछताछ में पता चला कि ग्राहकों से ऑनलाइन पेमेंट के जरिए पैसे वसूले जाते थे और उनके द्वारा दिए गए पैसों के आधार पर लड़कियों से अलग-अलग तरह के काम करवाए जाते थे। इस रैकेट से होने वाली कुल कमाई में से 75 प्रतिशत पैसा आरोपी पति-पत्नी के पास जाता था, जबकि केवल 25 प्रतिशत ही लड़कियों को मिलता था। जांच एजेंसियों को संदेह है कि इस गिरोह में अब तक 500 से ज्यादा लड़कियों को काम पर रखा जा चुका होगा।
इस अवैध कारोबार के संचालन के लिए आरोपी दंपत्ति ने “सबडिजी वेंचर्स” नाम की एक प्राइवेट कंपनी बनाई थी, जिसका साइप्रस की टेक्नियस लिमिटेड नामक कंपनी से करार था। यह कंपनी एक्सहैम्सटर और स्ट्रिपचैट जैसी पोर्न साइटों का संचालन करती है। आरोपी भारत में पोर्न कंटेंट तैयार करके इन्हीं वेबसाइटों को भेजते थे, जिसके बदले में उनके खातों में मोटी रकम ट्रांसफर की जाती थी। इस पूरे मामले की जांच तब शुरू हुई जब ईडी को फॉरेन एक्सचेंज मैनेजमेंट एक्ट (FEMA) के उल्लंघन का संदेह हुआ। इसके बाद जब एजेंसी ने छानबीन की, तो इस बड़े रैकेट का खुलासा हुआ।