अल्मोड़ा। 24 अप्रैल 2022- लोक प्रबंध विकास संस्था की ओर से पंचायती राज दिवस के अवसर पर ‘‘पंचायती राज व्यवस्था संभावनाएं एवं चुनौतियां‘‘ विषय पर एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इनाकोट, भैंसोड़ी में संपन्न इस संगोष्ठी में पंचायत प्रतिनिधियों, वन पंचायत सरपंचाें तथा संसाधन पंचायत के प्रतिनिधियों द्वारा प्रतिभाग किया गया। इस अवसर पर संस्था सचिव ईश्वरी दत्त जोशी ने कहा कि ग्राम स्वराज की अवधारणा को साकार करने में पंचायतों की भूमिका अहम् है, लेकिन आज पंचायतें योजनाओं की क्रियान्वयन इकाई मात्र बनकर रह गई हैं।
उन्होंने पंचायतों की मजबूती हेतु 73वां संविधान संशोधन को प्रभावी तरीके से लागू करने की आवश्यकता बताई। राजेन्द्र भोज द्वारा पंचायती राज व्यवस्था के ऐतिहासिक परिदृश्य को रखते हुए उसके अब तक के सफर की जानकारी दी गयी। ग्राम प्रधान संगठन के पूर्व अध्यक्ष एवं सामाजिक कार्यकर्ता सुनील बाराकोटी ने पंचायत प्रतिनिधियों को जागरूक करने की बात कही। ग्राम प्रधान हड़ौली दीपक भाकुनी ने मनरेगा के कार्य दिवस को बढ़ाने की आवश्यकता एवं भुगतान समय पर किये जाने की बात कही।
ग्राम प्रधान बीना ज्योति आर्या ने महिला प्रधानों का कार्य उनके पुरूषों द्वारा किये जाने पर आपत्ति जताते हुए इस महिलाओं के विकास में बाधक बताया। पूर्व प्रधान गंगा पाण्डे ने ग्रामसभा में होने वाले समस्त कार्यो को पंचायत के माध्यम से कराये जाने की वकालत की। पूर्व प्रधान तारा नगरकोटी ने पंचायत प्रतिनिधियों को अपने अधिकारों एवं जिम्मेदारी के प्रति जागरूक होने की आवश्यकता बतायी।
संसाधन पंचायत की रेखा नगरकोटी ने संगठन के माध्यम से किये गये प्रयासों एवं सफलताओं को रखा। वार्ड सदस्य रेवती भण्डारी ने ग्राम सभा की खुली बैठकों में लोगों की भागीदारी बढ़ाये जाने पर जोर दिया। संसाधन पंचायत बीना की चम्पा मेहता ने महिलाओं की क्षमता
संवर्द्धन हेतु उन्हें घर की चारहदीवारी से बाहर निकलने पर बल दिया।
वन पंचायत सरपंच संगठन के अध्यक्ष डॅूगर सिंह भाकुनी ने पंचायतों की मजबूती हेतु संगठित प्रयासों की बात कही। कार्यक्रम की अध्यक्षता पूर्व प्रधान गंगा पाण्डे तथा संचालन दीप्ति भोजक ने किया।