थारकोट भनोटी अभियान के रजत जयंती पर आयोजित हुए कार्यक्रम

अल्मोड़ा। एडवेंचर एंड इनवायरमेंट फैलोशिप द्वारा यहा आयोजित एक कार्यक्रम में हिमालयी क्षेत्रों में पर्यटकों की बढ़ती आमद पर गहरी चिंता जताई गई। थारकोट भनोटी…

अल्मोड़ा। एडवेंचर एंड इनवायरमेंट फैलोशिप द्वारा यहा आयोजित एक कार्यक्रम में हिमालयी क्षेत्रों में पर्यटकों की बढ़ती आमद पर गहरी चिंता जताई गई। थारकोट भनोटी अभियान की रजत जंयती पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पद्मश्री शेखर पाठक ने हिमालयी क्षेत्रों में बढ़ती पर्यटकों की संख्या पर चिंता व्यक्त करते हुए इसे रोके जाने की मांग की।

उन्होने पर्यटन स्थलों में अनियंत्रित निर्माण को रोकने ​के लिये कदम उठाने की बात कही। श्री पाठक ने पर्वतीय क्षेत्रों मे परंपरागत भवनो को यथावत रखे जाने पर जोर दिया।
हाल ही में नंदादेवी चोटी के आरोहण पर निकले 8 पर्वता​रोहियों के गुम होने का जिक्र करते हुए उन्होने कहा कि युवा पर्वतारोही सतर्कता के साथ जायें और सुरक्षित लौटे। उन्होने पहाड़ों में ईको टूरिज्म की वकालत करते हुए कहा कि इसमें यह ध्यान रखना होगा कि यह स्थानीय लोगों की भावना के अनुरूप हो। कहा कि यह सुनिश्चित करना होगा कि बाहरी व्यक्ति आकर ईको टूरिज्म हम पर ना थोपे। अपने संबोधन में डॉ जीवन सिंह मेहता ने गांवो में परंपरागत स्रोत, चरागाह और जलागम क्षेत्र में इको सिस्टम को मजबूत करने की बात कही। पालिकाध्यक्ष प्रकाश चन्द्र जोशी ने पर्वता​रोहियों का उत्सावर्धन किया साथ ही हिमालयी क्षेत्र को प्रदूषण मुक्त किये जाने की वकालत की। भगवत बगडवाल ने पर्यटक स्थलों पर फैल रहे प्रदूषण पर चिंता व्यक्त की।
संस्था के डॉ महेन्द्र सिंह मिराल ने बताया कि सितंबर 1994 में थारकोट भनोटी अभियान पूरा हुआ था। इस मौके पर पदमश्री अनूप साह को शाल ओढ़ाकर सम्मानित भी किया गया।
थारकोट भनोटी अभियान के पर्वतारोही कमला कार्की, विनीत अग्रवाल, कैलाश भट्ट,पवन जोशी, देवेन्द्र वल्दिया,चंदन मेहरा, हरिओम गुरंग आदि ने अपनी पुरानी यादों को ताजा किया।