शाबास— नवाचारी पुरस्कार लेकर लौटे शिक्षक वाणी व भाष्कर, केन्द्रीय मानवसंशाधन मंत्री ने दिल्ली में किया सम्मानित

अल्मोड़ा। नवाचारी तरीके से छात्र छात्राओं में जागरूकता पैदा करने के लिए अरविंदो सोसाईटी द्वारा पुरस्कार के लिए चयनित अल्मोड़ा के राप्रावि बजेला में कार्यरत…

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अल्मोड़ा। नवाचारी तरीके से छात्र छात्राओं में जागरूकता पैदा करने के लिए अरविंदो सोसाईटी द्वारा पुरस्कार के लिए चयनित अल्मोड़ा के राप्रावि बजेला में कार्यरत भाष्कर जोशी और हल्द्वानी के राजकीय इंटर कॉलेज राजपुरा में कार्यरत शिक्षक लाल सिंह वाणी यह सम्मान लेकर लौट आए हैं। दिल्ली में मानव संसाधन विकास मंत्री डा.रमेश पोखरियाल निशंक ने सम्मानित किया है।
जीआईसी राजपुर में कार्यरत शिक्षक लाल सिंह वाणी ने नवाचारी शैक्षिक गतिविधियों के क्रम में उन्होंने बच्चों को नशा पान जैसी भयावह समस्या से मुक्त करने के लिए नवाचारी तरीका अपनाया। वाणी को मानव संसाधन विकास मंत्री भारत सरकार रमेश पोखरियाल निशंक ने अरविंदो सोसायटी के तत्वावधान में राष्ट्रीय नवाचार पुरस्कार 2019 से सम्मानित किया है । राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद के 25 वर्ष पूर्ण होने पर नई दिल्ली के मानेक्शा सेंटर में 17 व 18 अगस्त 2019 को जर्नी ऑफ टीचर एजुकेशन लोकल टू ग्लोबल विषय पर आधारित दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में देशभर के विभिन्न राज्य व केंद्र शासित प्रदेशों से चयनित 66 नवाचारी शिक्षक शिक्षिकाओं को सम्मानित किया गया। पुरस्कृत शिक्षकों के नवाचारी विचारों को पुस्तक का रूप दिया जाएगा जिसे देशभर के शिक्षकों को बतौर मार्गदर्शिका उपलब्ध कराया जाएगा।
इस अवसर पर मंच में यदुवेंद्र माथुर विशेष सचिव नीति आयोग सरकार, सतबीर बेदी चेयर पर्सन एनसीईआरटी भारत सरकार तथा रीना रे सेक्रेटरी ऑफ स्कूल एंड लिटरेसी एजुकेशन भारत सरकार व अरविंद सोसायटी प्रमुख संभ्रात शर्मा उपस्थित थे ।

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स्थानीय समाचार पत्रों में लेख लिखने के अलावा वाणी ने अंग्रेजी विषय पर पुस्तक भी लिखी है। वर्तमान समय में स्कूली छात्रों में नशा पान करने की स्थिति अत्यधिक खतरनाक स्थिति पर पहुंच चुकी है जिससे निपटने के लिए वाणी ने शोध कार्य किया, नशा मुक्ति प्रतिज्ञा लिखी व रैलियां निकाली। उनके प्रयासों छात्रों में नशा पान के दुष्परिणामों के बारे में चेतना जागी । छात्रों ने नशा न करने की प्रतिज्ञा ली। कई छात्रों ने नशा हमेशा के लिए त्याग दिया वाणी के प्रयासों से छात्रों ने अपने घर में “धूम्रपान मना है” के स्टिकर चिपका दिए हैं।

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इधर राजकीय प्राथमिक विद्यालय बजेला धौलादेवी अल्मोड़ा में कार्यरत शिक्षक भाष्कर जोशी को भी यह पुरस्कार मिला है। शिक्षा में शून्य निवेश नवाचार के लिए उन्हें यह पुरस्कार प्रदान किया गया है।
National council Teacher Education (NCTE Delhi) की रजत जयंती समारोह पर दिल्ली स्थित मानेक्शा केंद्र पर International conference on journey of teacher education local to global का आयोजन भारत सरकार द्वरा किया गया इस सुअवसर पर अपनी गौरवपूर्ण उपस्थिति दी तथा केन्द्रीय शिक्षा मंत्री भारत सरकार रमेश पोखरियाल द्वारा शिक्षा में शून्य निवेश नवाचार हेतु राष्ट्रीय नवाचारी अवार्ड से सम्मानित किया गया।
राजकीय प्राथमिक विद्यालय बजेला विकासखण्ड धौलादेवी जिला अल्मोड़ा को यह अवार्ड सामुदायिक सहभागिता श्रेणी के अंतर्गत दिया गया और उस नवाचार का नाम है रूपांतर दीवार बच्चे इस नवाचार को प्यार से मेरी दीवार कहते है
ZIIEI यानी शिक्षा में शून्य निवेश नवाचार अरविंदो सोसायटी द्वारा अपने राष्ट्रव्यापी शिक्षा परिवर्तन कार्यक्रम का एक महत्वपूर्ण क्रम है उन्ही के द्वारा शिक्षा में अभिनव प्रयोगों के लिए यह प्रतिष्ठित पुरस्कार दिया जाता है। इस प्रतिष्ठित पुरस्कार के लिए पूरे भारतवर्ष से 65 अध्यापकों का चयन हुआ हमें बड़ा गर्व है कि उत्तराखंड से हम भी इसमें अपनी गौरवमयी उपस्थिति दर्ज करा पाये। कुमांऊ के इन दो शिक्षकों को यह सम्मान​ मिलने पर कई सामाजिक क्षेत्रों के लोगों ने उन्हें बधाई दी है। उत्तरान्यूज भी इस उपलब्धि के लिए दोनो शिक्षकों को बधाई देते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना करता है। मालूम हो कि इस पुरस्कार के लिए प्रदेश से केवल तीन शिक्षकों का चयन हुआ था। 17 अगस्त को उन्हें नई दिल्ली में सम्मानित किया गया।