Viral News:टीचर ने अपनी सैलरी से मिलने वाले बोनस से पलट दी स्कूल की काया, अब हो रही है हर जगह वाह वाह

Viral News: जरूरत पड़ने पर टीचर एक माता-पिता की तरह भूमिका निभाते हैं।वही कभी-कभी उन्हें छात्रों का सबसे अच्छा दोस्त भी माना जाता है। हाल…

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Viral News: जरूरत पड़ने पर टीचर एक माता-पिता की तरह भूमिका निभाते हैं।वही कभी-कभी उन्हें छात्रों का सबसे अच्छा दोस्त भी माना जाता है। हाल ही में मलेशिया के शिक्षक ने एक अनूठी मिसाल पेश की है जहां उन्होंने अपने बोनस का इस्तेमाल क्लासरूम को रनोवेट करने में लगा दिया है।

Malaysian Teacher: स्कूल को छात्रों के लिए दूसरे घर के रूप में माना जाता है क्योंकि बच्चों की प्रारंभिक शिक्षा और उनके प्रारंभिक जीवन की शुरुआत यहीं से होती है। यह एजुकेशनल इंस्टीट्यूट न केवल बच्चों को किताबी ज्ञान देते हैं बल्कि उन्हें जीवन में आगे बढ़ना भी सिखाते हैं। स्कूल में ही टीचर बच्चों को दोस्तों यारों के साथ बातचीत करना उन्हें शिष्टाचार और सोशल वैल्यूज के बारे में भी बताते हैं। टीचर्स को स्कूल का केंद्र माना जाता है और हर सिलेबस उनके इर्द-गिर्द घूमता है। एजुकेशन प्लानिंग और एजुकेशनल प्रोग्राम तैयार करने के अलावा, उन्हें कई अतिरिक्त जिम्मेदारियां भी निभानी पड़ती हैं। एक टीचर ने मिलने वाली सैलरी के बोनस से स्कूल को रिनोवेट कराया है।

बोनस का इस्तेमाल कर क्लासरूम को बनाया चकाचक

जरूरत पड़ने पर टीचर बच्चों के माता-पिता भी बन जाते हैं और वह छात्रों के सबसे अच्छे दोस्त भी होते हैं। हाल ही में मलेशिया के शिक्षक की मिसाल सबके सामने आ रही है, जहां उन्होंने अपने बोनस का इस्तेमाल क्लासरूम को रिनोवेट करने में कर दिया। अब दुनिया की एजुकेशन पहले से काफी बदल गई है। लोग देश में स्कूलों को आधुनिक तरह से बनने पर जोर दे रहे हैं। डिजिटल क्लासेस शुरू होने से निश्चित रूप से हर चीज आसान होती जा रही है और अब एजुकेशन पाना मजेदार भी हो गया है क्योंकि अब छात्र ऑडियो-विजुअल के माध्यम से किसी विषय की गहराई तक जा सकते हैं। कमाल डार्विन एक ऐसे शिक्षक हैं जो वाकई अपने छात्रों की परवाह करते हैं।

बदला क्लासरूम का नक्शा

कमाल ने यह महसूस किया कि स्कूल का माहौल बच्चों को हर चीज़ सीखने में मदद करता है इसलिए उन्होंने अपने क्लास रूम को ही बदलने का फैसला किया। पढ़ाने के सिर्फ तीन हफ्ते बाद ही उन्होंने यह समझ लिया कि स्कूल का माहौल बच्चों को प्रभावित करता है। उन्होंने अपने क्लास को आरामदायक बनाने के लिए अंदर एक सोफा रखा और दीवारों को चित्रों और आर्ट से सजाया।

लोगों ने दिया ऐसा रिएक्शन

कहानी सामने आने के बाद कई यूजर्स ने डार्विन के प्रयासों की सराहना की, जबकि कुछ लोगों ने स्कूलों के रिनोवेशन के लिए पैसे नहीं देने के लिए सरकार की आलोचना की। एक यूजर ने कमेंट में लिखा, “स्कूल में छात्रों के कल्याण की देखभाल करने वाले मंत्रालय पर शर्म करो।” दूसरे ने लिखा, “यह बहुत दुखद है, यह शिक्षक बहुत दयालु हैं। स्कूलों को मिलने वाला बजट बहुत कम है।”