This teacher of Almora engraved the whole world in the classroom, the whole world has fallen on the walls of the classroom
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अल्मोड़ा, 21 सितंबर 2020- अल्मोड़ा के ताकुला ब्लाँक के जीआईसी गणनाथ इंटर कालेज के एक शिक्षक के सराहनीय प्रयास से खूब चर्चाएं बटोर रहा है|
इस विद्यालय के भूगोल के शिक्षक आरडी सरोज ने अपने निजी प्रयासों से दुनिया को ही एक कक्ष में उतार दिया है|
उन्होंने भूगोल कक्ष में पूरी दुनिया का नक्शा बना दिया है, इतना ही नही भूगोल में पढ़ाये जाने वाली नदियाें सहित सौर मंडल और अन्य.जरूरी जानकारियों को पैमाने के साथ उकेरा गया है| यानि आप बिना पुस्तक या प्रमाणिक ग्लोब की सहायता बिना भी सटीक जानकारी यहां से प्राप्त कर सकते हैं|
जीआईसी गणानाथ के भूगोल के प्रवक्ता डा. आरडी सरोज के अथक प्रयासों से इस विद्यालय में भूगोल की लाइब्रेरी तैयार हो गई है| इसे तैयार करने में उन्होंने अपने ही संशाधनों का उपयोग किया है | यानि दुनिया के पूरे नक्से को उन्होंने पैमाने से तैयार किया है | उन्होंने बताया कि रफ ड्राफ्टिंग में ही 4 माह लगे हैं जबकि पूरा नक्शा तैयार करने में 3 साल का समय लगा है|
डा. सरोज ने बताया कि छात्रों को भूगोल के अध्ययन में आसानी हो और सभी प्रमाणिक जानकारियां उनके सामने रहे और बच्चों को भूगोल की अच्छी शिक्षा मिल सके इसलिए उन्होंने यह प्रयास किया है| उन्होंने बताया कि पिछले सालों में दो बच्चिया इंटर की बोर्ड परीक्षाओं में 91 और 93 प्रतिशत अंक लेकर सफल हुई हैं| इंटर में 11 वीं और 12वीं में ही बच्चों की संख्या 30-30 है जबकि दूरस्थ क्षेत्र के इस स्कूल में 201 बच्चे अध्ययनरत हैं|
शिक्षक के इस प्रयास की अभिभावक भी कर रहे सराहना
पहाड़ में शिक्षकों की संख्या कम होने से अभिभावकों ने सरकारी स्कूलों में बच्चों को भेजना छोड दिया है, लेकिन गणनाथ इंटर कालेज में भूगोल प्रवक्ता आर डी सरोज ने अपने संसाधनों से ही पूरी दुनिया का नक्शा, सौर मंडल, नदिया, पहाड़, पठार सब कमरें में ही पेटिंग से बना दिया है, अब बच्चों को भूगोल की क्लास पढ़ाने के लिए किताब की जरुरत नही है| शिक्षक ने यह सारा काम स्कूल समय के बाद खाली समय में किया है।
क्षेत्र के सामाजिक कार्यकर्ता ईश्वर जोशी का कहना है कि शिक्षक का यह कार्य वास्तव में सराहनीय है और बच्चों को भूगोल की जानकारियां आसानी से हो रही हैं और यह वास्तव में भूगोल लाइब्रेरी का जीता जागता उदाहरण हैं|
बताते चलें कि इस कार्य को पूरा करने में तीन साल का वक्त लगा है अब अभिभावक में शिक्षक के इस कार्य से खुश है कि बच्चें आसानी से चित्रों के माध्यम से ही दुनिया के भूगोल को समझ सकते है। इस शिक्षक का काम यह भी बता रहा है कि सरकारी शिक्षक सिर्फ तनख्वाह ही नही लेते बल्कि समाज के लिए बेहतर काम भी करते हैं।