उत्तराखंड में बीमार होने पर मौत ही है नियति देखिए स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाली का नमूना, उपचार न मिलने पर मौत के आगोश में जा समया शिक्षक

उत्तराखंड में बीमार होने पर मौत ही है नियति देखिए स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाली का नमूना, उपचार न मिलने पर मौत के आगोश में जा समया शिक्षक

डेस्क:- उत्तराखंड में स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाली के चलते जिंदगियां मौत के आगोश में जा रही हैं|
यहां धारचूला के जीआईसी कालिका में छात्रों को पढ़ा रहे गणित के शिक्षक की अचानक तबीयत बिगड़ गई, बताया जा रहा है कि शिक्षक को अचानक दिल का दौरा पड़ गया।

गंभीर हालत में हायर सेंटर ले जाते समय शिक्षक की मौत हो गई। शिक्षक की मौत से सीमांत क्षेत्र में इलाज के इंतजामों की कलई खुल गई है।

घटनाक्रम के अनुसार जीआईसी कालिका में गणित के शिक्षक अरुण कुमार दुबे (54) कक्षा में बच्चों को पढ़ा रहे थे। इस बीच उन्हें दिल का दौरा पड़ा। सीने में तेज दर्द होने पर साथी शिक्षक उन्हें सीएचसी धारचूला ले गए। यहां प्राथमिक उपचार के बाद उन्हें जिला अस्पताल रेफर किया गया।

देर शाम वह जिला अस्पताल पहुंचे, जहां से उन्हें हायर सेंटर रेफर किया गया। उनके साथी बीमार दुबे को एंबुलेंस से हल्द्वानी के लिए निकले। लमगड़ा के पास तबीयत ज्यादा बिगड़ने से दुबे की मौत हो गई। शिक्षक अरुण कुमार दुबे के शव को परिजन पैतृक गांव उरई, जिला जालौन ले गये। दुबे 22 साल से धारचूला के अलग-अलग स्कूलों में तैनात थे।शिक्षकों का कहना है दुबे को समय रहते सीएचसी धारचूला और बाद में जिला अस्पताल पहुंचा दिया गया था। लेकिन दोनों जगह इलाज के पुख्ता इंतजाम नहीं मिले। इसीलिए वह 10 घंटे  जिंदगी के लिए जूझते रहे। इन्हीं इंतजामों की अभाव में सरकारी कर्मचारी यहां रहना नहीं चाहते।  

प्रिय पाठको….
आप उत्तरा न्यूज की हर अपडेट सबसे पहले पाने के लिए फेसबुक में उत्तरा न्यूज पेज को लाइक करें। साथ ही Whatsapp से जुड़ने के लिए 9412976939
, 9456732562, 9639630079 पर मेसेज करे। अपने अन्य मित्रों को भी उत्तरा न्यूज के पेज लाइक करने के लिए इनवाईट करें। Click here to Like our Facebook Page