हथियारों-गोला-बारूद की भाषा समझने वाले तालिबान ने की रूस-यूक्रेन से शांति की अपील

विश्व उस दिन को कभी नहीं भूल सकता जब 2021 में अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने अफगानिस्तान से अपनी सेना को वापस बुलाने की…

Taliban appeals to Russia-Ukraine for peace

विश्व उस दिन को कभी नहीं भूल सकता जब 2021 में अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने अफगानिस्तान से अपनी सेना को वापस बुलाने की घोषणा की थी। बाइडेन की इस घोषणा ने पूरे विश्व में हलचल पैदा कर दी थी वहीं उनके इस फैसला ने एक देश (अफगानिस्तान) का अस्तित्व ही समाप्त कर दिया था। एक राष्ट्र जहां 20 वर्षों से अमेरिका की सेना ने तालिबानियों को रोके रखा था वही अचानक अमेरिकी सेना के वहां से चले जाने के बाद तालिबान ने अफगानिस्तान में कब्जा कर अपनी सरकार बना ली थी।

अमेरिका सेना के अफगानिस्तान छोड़ने के बाद अफगानिस्तान के राष्ट्रपति रातों रात जनता को छोड़क भाग गए और तालिबानियों ने अफगानिस्तान पर कब्जा कर लिया। अब तालिबान ने रूस और यूक्रेन युद्ध को लेकर अपनी चिंता प्रकट की हैं और दशा पर अपनी राय दी हैं।

ताबिलान ने की शांति और धैर्य बनाये रखने की बात


पिछले वर्ष अगस्त में अफगानिस्तान पर कब्जा करने के महीनों बाद, तालिबान ने रूस और यूक्रेन से ‘धैर्य’ दिखाने और शांतिपूर्ण वार्ता के माध्यम से चल रहे संकट को हल करने का आग्रह किया है। तालिबान ने शुक्रवार को एक बयान जारी कर नागरिकों के हताहत होने की असली संभावना पर चिंता जाहिर करते हुए रूस और यूक्रेन को हिंसा से दूर रहने को कहा।

तालिबान ने बयान में क्या कहा?


बयान में कहा गया है, अफगानिस्तान की सरकार यूक्रेन में स्थिति की बारीकी से निगरानी कर रही है और नागरिकों के हताहत होने की असली संभावना के बारे में चिं​तित है। बयान में दोनों पक्षों से धैर्य बरतने का आह्वान करने के साथ यह भी कहा कि सभी पक्षों को ऐसी स्थिति लेने से बचना चाहिए जो हिंसा को बढ़ावा दे रही हो।

युद्ध के दम पर किया था तालिबान ने अफगानिस्तान पर कब्जा


तालिबान ने 15 अगस्त, 2021 को इसी तरह के सैन्य हमले के माध्यम से अफगानिस्तान पर कब्जा कर लिया – कंधार, हेरात, मजार-ए-शरीफ, जलालाबाद और लश्कर गाह जैसे प्रमुख शहरों के बिना प्रतिरोध के गिर गए क्योंकि अमेरिकी सेना युद्धग्रस्त अफगानिस्तान से 20 वर्ष बाद पीछे हट गई। रिपोर्टों के मुताबिक, जब तालिबान ने अपना आक्रामक अभियान शुरू किया, तो 1,000 से अधिक नागरिक मारे गए और 2,000 से अधिक घायल हो गए। तालिबान के बयान में कहा गया “अफगानिस्तान की सरकार तटस्थता की अपनी राष्ट्र नीति के अनुरूप, संघर्ष के दोनों पक्षों से वार्ता और शांतिपूर्ण तरीकों से संकट को हल करने का आह्वान करता है। अफगानी सरकार संघर्ष के पक्षों से जीवन की सुरक्षा पर ध्यान देने का भी आह्वान करता है। इस बीच, यूक्रेन के रक्षा मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा कि संघर्ष में अब तक 1,000 से अधिक रूसी सैनिक मारे गए हैं।