अल्मोड़ा, 27 जून 2021- उत्तराखंड में प्रकृति ने दिलखोल कर अपनी नियामतें दी हुई है। कहीं पर्वतों की चोटी से गिरने वाले झरने मन मोह लेते हैं तो कहीं गहरी झीलें आगंतुकों का स्वागत करते सी दिखती है। ऐसा ही प्रकृति की नायाब भेंट हैं चौखुटिया के तड़ागताल (Tadgatal Lake)।
जो बारिश के मौसम में लबालब झील में तब्दील हो जाता है तो बरसात के बाद झील क्षेत्र उपजाऊ मैदान बन जाता है यहां बकायदा लोग गेंहू की खेती भी करते हैं।
प्रचंड गर्मी में तपने के बाद जैसे ही बरसात शुरू होती है वही उपजाऊ मैदान फिर से गहरी झील बन लोगों को अपनी ओर आकर्षित करने लगता है।
सांलो से यह सिलसिला चलता रहा है।
अब यहां(Tadgatal Lake) पर्यटन की संभावनाएं देखते हुए सरकार ने इसके विकास की योजना को मंजूरी दी है।
उत्तराखंड के इतिहास और मान्यताओं की लंबी चौड़ी गाथाओं के बीच यह झील भी पौराणिक गाथाओं की वाहक है।
झील को लेकर जो मान्यताएं प्रचलित हैं। उसके अनुसार अज्ञातवास के दौरान जब पांडव यहां आए तो पानी न मिलने पर कपड़े धोने के लिए भीम ने पहाड़ी पर गदा मारकर यहां सरोवर का निर्माण कर दिया।
पानी की निरंतर निकासी के लिए तालाब के तलहटी पर अंगुलियों से पांच सुरंग बना दिए। इन्हीं सुरंगों से आज भी पानी की निकासी होती है।
चौखुटिया विकासखंड के अंतर्गत आने वाली इस बरसाती बरसाती झील को विकसित करने के लिए शासन ने एक करोड़ 35 लाख रुपये मंरूर किए हैं। लेकिन जब तक विकास कार्यों का माँडल सामने आ पाए तब तक इसकी मौजूदा स्थिति से रूबरू हो लेते हैं।
द्वाराहाट से चौखुटिया जाने वाले मार्ग में चौखुटिया कस्बे से एक किमी पहले ही एक सड़क कटती है तो आगे इस ब्लाक के गांवों को जोड़ते हुए चमोली जिले के सीमावर्ती इलाकों से होते हुए जाती हैं गोदी खीड़ा के पास से के तड़ागताल (Tadgatal Lake)के लिए एक सड़क जाती है जो प्रकृति के में स्थित बरसाती झील के दर्शन आपको कराएगी।
अब विकास खंड अंतर्गत तड़ागताल स्थित बरसाती झील (Tadgatal Lake)को विकसित करने की कवायद शुरू हो गई है। झील निर्माण के सर्वेक्षण अनुसंधान एवं डीपीआर तैयार करने हेतु शासन से एक करोड़ 35 लाख की प्रशासनिक एवं वित्तीय स्वीकृति प्रदान कर दी है। प्रथम किस्त के रूप में 54 लाख की धनराशि अवमुक्त भी कर दी है। स्थानीय लोगों के अनुसार सर्वे टीम भी यहां आ चुकी है।
मानसून काल में इस झील का भरने का सिलसिला शुरू हो जाता है, इसके भरने और पानी की मात्रा तथा जल भराव की स्थिति बारिश पर निर्भर करती है।इस बार पिछले दिनों की बारिश में झील में काफी पानी एकत्र हो गया है। जब झील का पानी काफी बढ़ जाता है तब लोगो का आना जाना तक प्रभावित हो जाता है। ग्राम पंचायत ढ़नाण का तो एक प्रकार से संपर्क ही कट जाता है।
बरसात बीतने के बाद इसका पानी धीरे धीरे कम होने लगता है और बाद में एक प्रकार के मैदान में यह तब्दील हो जाता है। इस मैदान में मुख्य रूप से नौं गांव, ढ़नाण,बसरखेत, चौनी और कोट्यूड़ा गांवों के लोग गेहूं की खेती करते हैं। फ़सल के बाद यह क्षेत्र चारागाह के रूप में इस्तेमाल होता है।
क्षेत्र की सामाजिक कार्यकर्ता बबीता मेहरा का कहना है कि झील (Tadgatal Lake)भरने व पानी का स्तर बारिश पर निर्भर करता है। इस बार भी हालिया बारिश में झील में अच्छी मात्रा में पानी एकत्र हुआ है। बारिश के चलते जब झील भर जाती है तब यह काफी सुरम्य लगती है।(इस आर्टिकल के लिए फोटो और वीडियो हमें बबीता मेहरा ने उपलब्ध कराए हैं साभार)