सूर्य पर्व पर कटारमल सूर्य मंदिर में हुआ हवन, भंडारे में सैकड़ों लोगों ने गृहण किया प्रसाद

अल्मोड़ा-: उत्तर भारत के एक मात्र सूर्य मंदिर अल्मोड़ा के कटारमल में पौष (पूस)मास के अंतिम रविवार को विशेष पूजा अर्चना की गई | अन्तिम…

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अल्मोड़ा-: उत्तर भारत के एक मात्र सूर्य मंदिर अल्मोड़ा के कटारमल में पौष (पूस)मास के अंतिम रविवार को विशेष पूजा अर्चना की गई | अन्तिम रविवार को भारी संख्या में श्रद्धालु भगवान सूर्य की पूजा करने पहुचे| यह मंदिर नवीं शदाब्दी में कत्यूरी राजा कटारमल ने बनाया था, यहां छोटे-बडे कई दर्जन मंदिर हैं। मुख्य मंदिर सूर्य का हैं जिसका मुख पूरब(पूर्वाभिमुख) की तरफ है|


मालूम हो कि भारत वर्ष में दो ही सूर्य के मंदिर हैं एक उड़ीसा के कोर्णाक में और दूसरा उत्तराखण्ड के अल्मोड़ा में स्थित हैं| यहां भगवान सूर्य के दर्शन के लिए हजारों की संख्या में लोग पहुचते हैं, आज भी सुबह से ही भक्तों की भगवान के दर्शन के लिए भीड़ लगी हुई हैँ।मंदिर समिति के सचिव विशन दत्त ने बताया कि कत्यूरी राजा कटारमल ने 9वी से 10वी में मंदिर की स्थापना की, तब से लगातार पौष महिने में भव्य पूजा अर्चना के साथ यज्ञ किया जाता हैं|

मंदिर में जहां दर्शनार्थियों की लंबी लाइन लगी रही वहीं महिला श्रद्धालुओं ने भजनकीर्तन कर माहौल भक्तिमय बना दिया| मंदिर परिसर में हवन भी किया गया जबकि सूर्य भगवान के प्रिय भोग खीर व पूड़ी का भोग लगाया गया |इस मौके पर गोपाल सिंह बिष्ट, विशन दत्त, गीता देवी, ग्राम प्रधान कमला देवी, सुरेन्द्र सिंह, मंगल सिंह, रवि सिंह, सुरेन्द्र सिंह, नवीन जोशी सहित अनेक लोग व आयोजन से जुड़े लोग मौजूद थे |
यहां यह बात भी दीगर है कि पर्यटन विभाग ने मंदिर में कुछ काम तो कराए हैं | लेकिन प्रचार –प्रसार के लिए अभी काफी कार्य करने हैं |


पर्यटन मंत्री बनने के बाद पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने भी पौष के रविवार को मंदिर में पूजा अर्चना की थी| ग्रामीणों को आज भी उम्मीद हैं कि जल्दी ही सरकार मंदिर के प्रचार –प्रसार के साथ कुमांऊ के पर्यटन सर्किट से इन मंदिरों को जोड़ेगी| और यहां के आयोजन को जागेश्वर जैसा प्रचार प्रसार मिलेगा |