दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने एक आदेश देते हुए मॉब लिचिंग को एक अलग अपराध की श्रेणी में रखते हुए जांच के आदेश दिये है।
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सुप्रीम कोर्ट ने यह आदेश एक याचिका पर सुनवाई करते हुए दिये। ज्ञात हो कि महात्मा गांधी के परपोते तुषार गांधी और सामाजिक कार्यकर्ता तहसीन पूनावाला द्वारा गोरक्षकों की हिंसा पर जांच करने की मांग करने के लिये याचिका दायर की थी। शीर्ष अदालत ने मॉब लिचिंग को अलग अपराध की श्रेणी में रखते हुए इसके लिये अलग कानून बनाने के आदेश दिये।
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क्या कहा सुप्रीम कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट ने कहा, ’कोई भी नागरिक खुद क़ानून नहीं बना सकता है. और लोकतंत्र में भीड़तंत्र की इजाज़त नहीं दी जा सकती। सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकारों को वो संविधान के अनुरूप कार्य करने की सलाह दी।