दिल्ली। भारत में नोटबंदी के खिलाफ दायर याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार और भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) से तीखे सवाल पूछे। न्यायमूर्ति एसए नजीर की अध्यक्षता वाली पांच-न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने कहा कि आर्थिक नीति के मामलों में न्यायिक समीक्षा के सीमित दायरे का मतलब यह नहीं है कि अदालत चुप बैठ जाएगी। साथ ही पीठ ने कहा कि सरकार किस प्रक्रिया के तहत फैसले लेती है, उस पर कभी भी विचार किया जा सकता है।
अदालत ने कहा कि यह सरकार पर है कि किसी फैसले के गुणदोष के संबंध में अपनी बुद्धिमता से यह पता लगाए कि लोगों के लिए सबसे अच्छा क्या है। लेकिन रिकॉर्ड में क्या फैसला लिया गया था, क्या सभी प्रक्रियाओं का पालन किया गया था, हम इस पर विचार कर सकते हैं। बताते चलें कि केंद्र सरकार ने 8 नवंबर 2016 को नोटबंदी की घोषणा की थी जिसके बाद केंद्र के इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है। नोटबंदी के खिलाफ 58 याचिकाएं दायर की गई हैं, जिन पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई कर रहा है।