24 घंटे में कैसे कर दी चुनाव आयुक्त की नियुक्ति? सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से पूछा सवाल

दिल्ली। देश में चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति प्रक्रिया को लेकर सुप्रीम कोर्ट में गुरुवार को फिर सुनवाई हुई। इस दौरान केंद्र सरकार ने संविधान पीठ…

Supreme Court rejected the petition of the dismissed employees of the Uttarakhand Legislative Assembly

दिल्ली। देश में चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति प्रक्रिया को लेकर सुप्रीम कोर्ट में गुरुवार को फिर सुनवाई हुई। इस दौरान केंद्र सरकार ने संविधान पीठ को अरुण गोयल की निर्वाचन आयुक्त पद पर नियुक्ति की प्रक्रिया से संबंधित फाइल सौंपी। सुनवाई के दौरान पीठ ने नियुक्ति के तरीके पर सवाल खड़े कर दिए। जस्टिस अजय रस्तोगी ने इतनी तेज रफ्तार से फाइल आगे बढ़ने और नियुक्ति करने पर सवाल पूछा कि आखिर 24 घंटे के भीतर कैसे जांच पड़ताल कर दी गई?

जस्टिस रस्तोगी ने कहा कि 15 मई को पद खाली हुआ। क्या आप हमें बता सकते हैं कि सरकार ने इस पर नियुक्ति के लिए जल्दबाजी क्यों की? उसी दिन क्लीयरेंस, उसी दिन नोटिफिकेशन, उसी दिन एक्सेप्टेंस। फाइल 24 घंटे भी नहीं घूमी। यह तो प्रकाश गति से चली है। उन्होंने कहा कि हमें बताएं कि कैसे कानून और न्यायमंत्री डेटा बेस से इन 4 नामों को चुनते हैं और फिर प्रधानमंत्री नियुक्ति करते हैं? आपको हमें बताना होगा कि मानदंड क्या है?

मामले पर केन्द्र सरकार का पक्ष रख रहे अटॉर्नी जनरल और सॉलिसिटर जनरल ने कोर्ट को कार्यपालिका, विधायिका और न्यायपालिका की सीमाएं याद दिलाईं। बताते चलें कि फिलहाल संविधान पीठ ने सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया है।