टनकपुर सहयोगी
कालेज के डायरेक्टर अमित अग्रवाल ने बताया कि कालेज मे 30 अगस्त से लेकर 21 सितम्बर तक प्रेरण कार्यक्रम चलाया जा रहा है यह तकनीकी शिक्षा गुणवत्ता संवर्धन कार्यक्रम (टीईक्यूआईपी) के तहत आयोजित किया जा रहा है। जिसका मुख्य उद्देश्य युवा बच्चों को जागरूक करना तथा देश की तकनीकी शिक्षा प्रणाली की गुणवत्ता में सुधार करना है ।
नशे के दुष्प्रभाव के बारे में बताते हुए शिक्षक त्रिलोचन जोशी ने कहा कि युवाओं में नशीली वस्तुओं की ओर बढ़ते आकर्षण के लिये दिखावापन,गलत संगत,गम दूर करने की मिथ्या धारणा जिम्मेदार है। कहा कि हर धर्म मे नशे की आदत को तिरस्कृत किया गया है। धर्म ग्रंथ गीता मे नशे को तामस की संज्ञा दी है और कुरान शरीफ मे नशे के आदी व्यक्ति को नमाज पढ़ने से मना किया गया है। गुरु ग्रंथ साहिब मे नशेड़ी व्यक्ति को गुरु द्वारा नकारा गया है और महात्मा बुद्ध ने उसे पापी कहा है। श्री जोशी ने इंजीनियरिंग के छात्रों को सम्बोधित करते हुये बीड़ी,सिगरेट,गुटका ,शराब के कारण शारीरिक और सामाजिक दुष्प्रभावों पर भी विस्तार से चर्चा करते हुए कहा कि सार्वजनिक स्थानो की दुर्दशा,पारिवारिक विघटन,बहिन बेटियों से दुष्प्रभाव ,हत्या,लूटपाट आदि का मूल कारण नशा ही है। उन्होने नशीली वस्तुओ को त्यागने के लिये ग्यारह कदम चलने का सुझाव दिया। इस अवसर पर उपस्थित जन समूह को आजीवन नशे से दूर रहने के संकल्प पत्र भरकर प्रतिज्ञा दिलाई गई । टनकपुर थाने के कोतवाल धीरेन्द्र कुमार ने बच्चों को जहां नशे से दूर रहने का पाठ सिखाया वहीं नशीली वस्तुओं को ग्रहण करने की बजाय पढ़ाई पर ध्यान देने की सलाह दी । उन्होने देश के भावी इंजीनियरों को अनुशासन में रहकर तकनीक के क्षेत्र मे आगे बढ़ने के लिये प्रेरित किया। उन्होने छात्रों से गलत कार्यो के खिलाफ आवाज उठाने का आह्वान किया। इस अवसर पर अध्यापिका गीतांजलि, साहिबा खान, ऋतिका कश्यप आदि मौजूद रहे।