जारी बयान में उन्होंने कहा कि परिसर प्रशासन को आगे भी ध्यान रखना होगा कि परिसर के मुद्दों का निस्तारण परिसर में ही हो सकता है। पुलिस की भूमिका प्रत्यक्ष करनी ही नहीं चाहिए। उन्होंने कहा कि परिसर के शिक्षकों और छात्रों को संवादहीनता को दूर करने के प्रयास होने चाहिए, क्योंकि एक निर्वाचित छात्रसंघ अध्यक्ष की जिस तरह गिरफ्तारी हुई व परिसर के भविष्य के लिए अच्छी नहीं है। उन्होंने कहा कि पुलिस को भी मामले की गंभीरता से जांच करनी थी। और आनन फानन में पुलिस ने छात्रसंघ अध्यक्ष को वार्ता के बहाने बुलाकर जिस प्रकार गिरफ्तार किया वह ठीक नहीं है। इससे छात्रों का पुलिस के प्रति विश्वास भी टूटा है।
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