Almora- राजकीयकरण की मांग को लेकर पेयजल निगम के कर्मचारियों का सांकेतिक धरना जारी

अल्मोड़ा। अधिकारी,कर्मचारी संयुक्त समन्वय समिति उत्तराखण्ड पेयजल निगम के आहृवान पर राजकीयकरण किये जाने की एकसूत्रीय मांग को लेकर सांकेतिक धरना आज भी जारी रहा।…

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अल्मोड़ा। अधिकारी,कर्मचारी संयुक्त समन्वय समिति उत्तराखण्ड पेयजल निगम के आहृवान पर राजकीयकरण किये जाने की एकसूत्रीय मांग को लेकर सांकेतिक धरना आज भी जारी रहा।

इस मौके पर आयोजित सभा में वक्ताओं ने कहा कि कि जबतक पेयजल निगम के राजकीयकरण अथवा ट्रेजरी के माध्यम से कर्मचारियों को वेतन/पेंशन एवं अन्य देयको का आहारण का शासनादेश शासन द्वारा निर्गत नहीं होता तब तक कर्मचारियों का धरना जारी रहेगा।

वक्ताओं ने कहा कि कोविड-19 वैश्विक महामारी में भी निगम के अधिकारियों,कर्मचारियों ने अपनी जान जोखिम में डाल कर अपने कार्यों का निर्वहन पूरी कर्तव्यनिष्ठा के साथ किया वही दूसरी और सरकार वेतन,पेंशन समय से निर्गत नहीं कर रही हैं। कहा कि उत्तराखण्ड पेयजल निगम एक राजकीय निगम है एवं राजकीय निगम होने के नाते वेतन,पेंशन भत्तों का उत्तरदायित्व राज्य सरकार का है।

वक्ताओं ने आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार राजकीयकरण के मामले की लगातार अनदेखी कर रही हैं। कहा कि अब पेयजल निगम कर्मचारियों के समक्ष राजकीयकरण की मॉग पूर्ण कराने हेतु कोई विकल्प उपलब्ध नही है। उक्त मांग पूरी न होने के कारण केन्द्रीय कार्यकारिणी के पूर्व प्रस्तावित कार्यक्रम के अनुसार कल यानि 28 अक्टूबर से सभी पेयजल निगम अधिकारी,कर्मचारी अनिश्चिकालीन हड़ताल के में चले जायेगे।

केन्द्रीय नेतृत्व के आहवान पर इं0 ललित गौड, सहायक अभियन्ता की अध्यक्षता में आयोजित सभा में राहुल बिष्ट, दिनेश भटृ, दीपक तिवारी, कुन्दन सिंह अधिकारी, पंकज कुमार आर्या, सुनील दत्त, पान सिंह नेगी, शुभम बेलवाल, देवीदत्त भटृ, मुन्ना बक्स, इं0 भारत सिंह रावत, अरून कठैत, डी0एस0रावत, जया जोशी, दीप चन्द, गोवर्धन काण्डपाल, हरीश सतवाल, राजू बिष्ट, गीता देवी, मनौता देवी, प्रेमा बिष्ट सहित निगम के सभी अधिकारी और कर्मचारी मौजूद रहे।