बड़ी खबर: प्रदेश सरकार (state government) ने सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दाखिल की, पढ़ें पूरी खबर

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रिपोर्ट- उत्तरा न्यूज

देहरादून, 28 अक्टूबर 2020
हाईकोर्ट के फैसले से असहज प्रदेश सरकार (state government)
ने अब सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देते हुए सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट में ​एसएलपी दायर कर दी गई है।

बुधवार को भाजपा प्रदेश मुख्यालय में पत्रकारों से बातचीत करते हुए भाजपा के मुख्य प्रवक्ता मुन्ना चौहान ने कहा कि वह कोर्ट के फैसले का सम्मान करते हैं, लेकिन वह इससे संतुष्ट नहीं है। उन्होंने मुख्यमंत्री की सोशल मीडिया में छवि खराब करने के मामले पर हाईकोर्ट के निर्णय पर आश्चर्य जताया है।

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चौहान ने कहा कि मुख्यमंत्री को पूरे मामले में नहीं सुना गया। उन्हें पार्टी नहीं बनाया गया। बावजूद इसके मामले की उच्च स्तरीय जांच कराने का यह निर्णय गलत है। सरकार (state government) इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में ​एसएलपी (विशेष अनुमति याचिका) दायर कर चुकी है।

इधर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि वह (state government) हाईकोर्ट के निर्णय का स्वागत करते हैं। वह सीबीआइ जांच का भी स्वागत करते हैं, ताकि दूध का दूध और पानी का पानी हो जाए।

ये है मामला—
सेवानिवृत्‍त प्रोफेसर हरेंद्र सिंह रावत ने पत्रकार उमेश शर्मा के ख‍िलाफ ब्‍लैकमेलिंग, दस्‍तावेजों की कूटरचना और गलत तरीके से बैंक खातों की जानकारी हास‍िल करने का आरोप लगाते हुए इसी साल 31 जुलाई में देहरादून स्थित राजपुर थाने में मुकदमा दर्ज कराया था।

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मुकदमे में कहा गया कि उमेश शर्मा ने सोशल मीडिया में खबर चलाई कि प्रो. रावत ने व उनकी पत्‍नी के खाते में नोटबंदी के दौरान झारखंड के अमृतेश चौहान ने रकम जमा कराई। 25 लाख की यह रकम मुख्‍यमंत्री को देने को कहा गया। प्रो. रावत के अनुसार ये सभी तथ्‍य पूरी तरह गलत हैं।

इस बीच सरकार ने आरोपित के खिलाफ गैंगस्टर भी लगा दी थी। उमेश शर्मा ने अपनी गिरफ्तारी पर रोक के लिये हाइकोर्ट में याचिका दायर की थी। उनकी ओर से सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल और अन्य ने पैरवी की थी।

(state government) हाईकोर्ट ने मुख्‍यमंत्री के खिलाफ सोशल मीडिया पर वीडियो पोस्‍ट करने के मामले में दर्ज प्राथमिकी को निरस्‍त करने के मंगलवार को आदेश दिए। साथ ही याचिकाकर्त्‍ता उमेश शर्मा द्वारा इस मामले में मुख्‍यमंत्री पर लगाए गए आरोपों की सीबीआइ से जांच के आदेश दिए।

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