उत्तराखंड में राष्ट्रीय खेलों के माध्यम से राज्य की ब्रांडिंग: पहाड़ी टोपी, मौली और विशेष व्यंजन से खेलों का उत्सव

देहरादून: उत्तराखंड में चल रहे 38वें राष्ट्रीय खेलों के दौरान राज्य की संस्कृति और पहचान को बढ़ावा देने के लिए खेल विभाग ने कई प्रयास…

State branding through National Games in Uttarakhand

देहरादून: उत्तराखंड में चल रहे 38वें राष्ट्रीय खेलों के दौरान राज्य की संस्कृति और पहचान को बढ़ावा देने के लिए खेल विभाग ने कई प्रयास किए हैं। मेडल विजेताओं को पहाड़ी टोपी पहनाई जा रही है और उन्हें मोनाल पक्षी का प्रतीक ‘मौली’ भेंट किया जा रहा है। इसके साथ ही राज्य में खेलों का माहौल बनाने के लिए मौली संवाद का आयोजन किया जा रहा है। इस संवाद में दर्शकों को खेलों के प्रति जागरूक और प्रेरित किया जा रहा है। राज्य के प्रमुख स्थानों जैसे महाराणा प्रताप स्पोर्ट्स कॉलेज और इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम में 20 से ज्यादा मौली स्टैच्यू स्थापित किए गए हैं।

स्पेशल डाइट और पहाड़ी व्यंजन
खिलाड़ियों के लिए एक विशेष डाइट तैयार की गई है, जिसमें उत्तराखंडी व्यंजन जैसे कोदे की रोटी, हलवा और मंडवे की खीर शामिल हैं। खिलाड़ियों को प्रत्येक आठ दिन में नए-नए व्यंजन परोसे जा रहे हैं, जिससे वे राज्य के पारंपरिक स्वादों का आनंद ले सकें।

मौली संवाद के माध्यम से खेलों का उत्साह बढ़ाना
राष्ट्रीय खेलों के दौरान मौली संवाद का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें स्थानीय लोग और दर्शक खेलों में भाग लेने के लिए प्रेरित किए जा रहे हैं। वयस्कों को रिटायरमेंट के बाद खेलों में सक्रिय रहने की सलाह दी जा रही है, वहीं बच्चों को किसी न किसी खेल में भाग लेने के लिए उत्साहित किया जा रहा है।

उत्तराखंड की ब्रांडिंग और ग्रीन गेम्स की थीम
विशेष प्रमुख सचिव खेल अमित सिन्हा ने बताया कि यह राष्ट्रीय खेल ग्रीन गेम्स की थीम पर आधारित हैं। इसके तहत राज्य की संस्कृति, खानपान और वेशभूषा की ब्रांडिंग की जा रही है। उन्होंने कहा कि नेशनल गेम्स उत्तराखंड के लिए एक बड़ी अवसर है और इसका पूरा फायदा उठाया जा रहा है।

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