लोकसभा चुनाव के बीच भाजपा में फूट, अल्मोड़ा में दो दिग्गज नेताओं के बीच तकरार

लोकसभा चुनाव के पहले चरण के मतदान के बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अंदरूनी कलह खुलकर सामने आ गई है। उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले…

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लोकसभा चुनाव के पहले चरण के मतदान के बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अंदरूनी कलह खुलकर सामने आ गई है। उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले में रानीखेत के विधायक प्रमोद नैनवाल और उत्तराखंड राज्य सलाहकार श्रम संविदा बोर्ड के अध्यक्ष (दर्जाधारी) कैलाश पंत के बीच तीखी नोकझोंक देखने को मिल रही है। दोनों ने एक-दूसरे पर पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने का आरोप लगाते हुए हाईकमान से कार्रवाई की मांग की है।

बता दें, यह विवाद अल्मोड़ा संसदीय क्षेत्र के भतरौंजखान में एक ग्राम प्रधान और विधायक के भाई-भांजे के बीच हुए झगड़े के बाद शुरू हुआ। प्रधान संदीप खुल्बे ने विधायक के भाई सतीश नैनवाल और भांजे संदीप बधानी पर मारपीट का आरोप लगाया, जबकि सतीश नैनवाल और संदीप बधानी ने भी प्रधान पर गाली-गलौज और मारपीट का आरोप लगाया। इस मामले में कैलाश पंत ने प्रधान का समर्थन किया और उनके साथ पुलिस थाने पहुंचे, जिसके बाद दोनों पक्षों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया।

दोनों नेताओं ने एक-दूसरे पर गंभीर आरोप लगाए हैं। प्रमोद नैनवाल ने आरोप लगाया है कि कैलाश पंत हमेशा से पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल रहे हैं और उन्होंने विधानसभा चुनाव और लोकसभा चुनाव में पार्टी के खिलाफ काम किया है। उन्होंने पंत को पार्टी से निष्कासित करने की मांग की है।

वही कैलाश पंत ने आरोप लगाया है कि प्रमोद नैनवाल ने 2017 के विधानसभा चुनाव में पार्टी के अधिकृत प्रत्याशी के खिलाफ निर्दलीय चुनाव लड़ा था और इस बार भी लोकसभा चुनाव में पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल रहे हैं। उन्होंने नैनवाल के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।भाजपा के लिए यह अंदरूनी कलह चिंता का विषय है, खासकर लोकसभा चुनाव के दौरान। यह देखना दिलचस्प होगा कि पार्टी हाईकमान इस मामले में क्या कार्रवाई करता है।