देहरादून। उत्तराखंड विधानसभा में भर्तियों की जांच के लिए बनाई गई विशेषज्ञ समिति ने विधानसभा को 15 सुझाव प्रेषित किए हैं जिसमें विधानसभा कर्मियों की नियुक्ति लोक सेवा आयोग अथवा राज्य के किसी अन्य भर्ती आयोग से कराने की सिफारिश भी की गई है। इसके साथ ही विधानसभा में प्रमुख सचिव और सचिव के पद पर न्यायिक सेवा के वरिष्ठ अधिकारियों की ही तैनाती का सुझाव दिया गया है।
बताते चलें कि उत्तराखंड में राज्य गठन के बाद हुई भर्तियों पर सवाल उठने पर स्पीकर खंडूड़ी ने रिटायर नौकरशाह डीके कोटिया की अध्यक्षता में समिति गठित की थी। अब समिति ने विस में अब तक नियुक्त सभी कर्मियों को नियुक्ति अवैध बताते हुए कई अहम सुझाव भी दिए हैं। विधानसभा सचिवालय ने यह रिपोर्ट विधानसभा की वेबसाइट https://ukvidhansabha.uk.gov.in/files/COMMITTEE-REPORT_1.pdf पर अपलोड की है। विधानसभा सचिवालय को विधायी विभाग के तहत ही रखने, विस में पदों का ढांचा की सिफारिश की गई है।
इसके साथ ही विधानसभा में कर्मियों के लिए एसीआर व्यवस्था करने, भर्ती की नई नियमावली बनाने, 2016 में विस की नियमावली में किए बदलाव को समाप्त करने के साथ ही वाहन चालक और परिचालक की नियुक्ति आउटसोर्स के तहत करने की सिफारिश की गई है।