Pithoragarh- पंचायत प्रतिनिधियों ने बाहरी लोगों की लगातार बढ़ रही आवाजाही पर जताई आशंका

पिथौरागढ़। मुनस्यारी तथा धारचूला में रिजोर्ट, फार्मिंग, एनजीओ के बहाने बाहरी लोगों की लगातार बढ़ रही आवाजाही को लेकर पंचायत प्रतिनिधियों ने गहरी चिंता जताई।…

Uttarakhand- The letters of purchase of Dharamshalas disappeared from the City Magistrate's office

पिथौरागढ़। मुनस्यारी तथा धारचूला में रिजोर्ट, फार्मिंग, एनजीओ के बहाने बाहरी लोगों की लगातार बढ़ रही आवाजाही को लेकर पंचायत प्रतिनिधियों ने गहरी चिंता जताई। उन्होंने आज जिला अधिकारी तथा पुलिस अधीक्षक को पत्र देकर इस तरह के लोगों की गहन एवं उच्च स्तरीय जांच करने की मांग की। कहा कि पूर्व में काबिज लोगों को भी इसी दायरे में रखकर जांच हो। सीमा से लगे मुनस्यारी तथा धारचूला तहसील क्षेत्र में लगातार बाहरी लोगों की संख्या बढ़ती जा रही है। इससे सीमांत के लोगों के मन में तरह तरह की आंशकाएं पैदा हो रही है।

सीमा क्षेत्र से लगे मुनस्यारी तथा धारचूला तहसील में एक साल के भीतर बाहरी लोगों की घुसपैठ बढ़ गई है। इससे सीमा क्षेत्र के सामाजिक एवं सांस्कृतिक वातावरण को भी ख़तरा पैदा हो गया है। इसको लेकर क्षेत्र के पंचायत प्रतिनिधियों में आंक्रोश गहराने लग गया है। जिला पंचायत सदस्य जगत मर्तोलिया ने इस मुहिम की अगुवाई करते हुए कहा कि सीमा की सुरक्षा के लिए बाहरी लोगों से सीमांत को बचाना आवश्यक है। इसके लिए ग्राम पंचायतों से लेकर क्षेत्र तथा जिला पंचायतों की बैठकों में बकायदा प्रस्ताव पास किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि सीमा क्षेत्र में जागरूकता पैदा करने के लिए पंचायत प्रतिनिधि पदयात्रा भी निकालेंगे।उन्होंने राज्य सरकार के भू- कानून के मसौदे को भू- रक्षक की जगह भू- भक्षक बताया। कहा कि 22 सालों में कोई भी राज्य सरकार हिमाचल प्रदेश की तरह यहां की जमीनों को बचाने के लिए सोच तक नहीं रही है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में हिमाचल प्रदेश से भी कड़े कानून की आवश्यकता है। इसके लिए राज्य स्तरीय मंच बनाए जाने की भी आवश्यकता है। इस पर भी मंथन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि मुनस्यारी तथा धारचूला से बाहरी लोगों को खदेड़ने के लिए भी विवश होकर रणनीति बनाई जाएगी।