Social worker Gopal Bhandari of Bagwalipokhar area is no more
अल्मोड़ा, 27 नवंबर 2022- बग्वालीपोखर क्षेत्र के सामाजिक कार्यकर्ता हाट गांव निवासी गोपाल भंडारी का निधन हो गया है।
वह आंदोलनों में सक्रिय रूप से जुड़े थे, उत्तराखंड क्रांति दल के कार्यकर्ता के रूप में वह प्रतिबद्धता से आवाज उठाते थे। रंगमंचीय रूप से मजबूत गोपाल सालों तक जीवंत रूप से रावण की भूमिका निभाते रहे इसलिए प्यार से लोग उन्हें लंकेश नाम से बुलाते हैं।
उन्हें श्रद्धांजलि देते हुए वरिष्ठ पत्रकार चारु तिवारी ने लिखा है।
“हमारे जनसंघर्षों के साथी और रंगकर्मी गोपाल भंडारी जो ‘लंकेश’ के नाम से लोकप्रिय थे, कल हमें छोडकर चले गये हैं। बग्वालीपोखर के हाट गांव के निवासी ‘लंकेश’ का सामाजिक-राजनीतिक और सांस्कृतिक क्षेत्र में अविस्मरणीय योगदान था।रामलीला में रावण की भूमिका निभाने वाले गोपाल भाई ने अपना पूरा जीवन सामाजिक कार्यो को समर्पित किया। क्षेत्रीय दल उत्तराखंड क्रांति दल से जुडकर जिस प्रतिबद्धता के साथ वह बिना किसी स्वार्थ से लगे रहते थे, उनका अवसान हम सबके लिए बहुत दुखदायी है। जब भी बग्वालीपोखर क्षेत्र में जाना होता उनका घर हमारा अड्डा और मोटर साइकिल हर समय तैयार रहती। गोपाल कभी हम लोगों को बैठने नहीं देते। जब तक कार्यक्रम हो न जाए वह किसी को भी डांट सकते थे. लंकेश लंबे समय से कैंसर से पीड़ित थे।दोस्त को अश्रुपूर्ण विदाई.
अलविदा लंकेश।”
शिक्षक और सामाजिक कार्यों से जुड़े दीपक मेहता ने सोशल मीडिया में लिखा है।
“नई उमंग संस्था के सक्रिय साथी गोविन्द सिंह भंडारी उर्फ गोपाल भंडारी “लंकेश” अब हमारे बीच नहीं रहे। कल आधी रात को आप इस दुनिया से विदा हो गए। रामलीला में रावण की भूमिका निभाने के कारण लोग आपको प्रेम से लंकेश कह कर पुकारते थे। उत्तराखंड क्रांति दल के आप एक सक्रिय सदस्य थे। हर अच्छे कार्यों में आपकी बढ़-चढ़कर सहभागिता रहती थी। बासुलीसेरा के सेरा बचाओ आंदोलन में आपने प्रमुख भूमिका निभाई थी। हम सभी आपको मिस करेंगे।
अलविदा गोपाल भाई। विनम्र श्रद्धांजलि।”
पूर्व विधायक व यूकेडी नेता पुष्पेश त्रिपाठी ने सोशल मीडिया में लिखा है-
“बहुत दुःखद।
सामाजिक सरोकारों को लेकर समर्पित, उक्रांद के सच्चे सिपाही बग्वालीपोखर के हाट गावँ के निवासी वरिष्ठ साथी गोपाल भंडारी जी(लंकेश) के आकस्मिक निधन से हम सभी शोक-संतप्त हैं,
ईश्वर से पुण्यात्मा को शांति और मोक्ष प्रदान करने की कामना करता हूँ।
विनम्र श्रद्धांजलि, ॐ शांति”