चोरगाड के गंगोत्री नेशनल पार्क में चहलकदमी करता हिम तेंदुआ ट्रैप कैमरे में कैद

गंगोत्री नेशनल पार्क क्षेत्र के एक हिम तेंदुए की चहलकदमी ट्रैप कैमरे में कैद हो गई है। यह घटना पार्क के अधिकारियों के लिए बड़ी…

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गंगोत्री नेशनल पार्क क्षेत्र के एक हिम तेंदुए की चहलकदमी ट्रैप कैमरे में कैद हो गई है। यह घटना पार्क के अधिकारियों के लिए बड़ी खुशी की बात है, जिसे वे जैव विविधता के लिए सुखद मान रहे हैं। पार्क क्षेत्र में हिम तेंदुओं की सुरक्षा का ध्यान रखते हुए यह एक महत्वपूर्ण कदम है। इस घटना के साथ ही पार्क में पहली बार ऐसा हुआ है जब इतनी ऊंचाई पर सामान्य तेंदुए के साथ हिम तेंदुआ भी देखा गया है।

गौरतलब हो, जब पार्क क्षेत्र शीतकाल में दिसंबर से मार्च तक पर्यटकों के लिए बंद होता है, तो पार्क प्रशासन वन्यजीवों की निगरानी के लिए ट्रैप कैमरे लगाता है। पिछले साल पार्क क्षेत्र में करीब 35 ट्रैप कैमरे लगाए गए थे, जिनमें से कई में वन्यजीवों की गतिविधि कैद हुई। इस साल केदारताल ट्रैक, गंगोत्री ट्रैक, गरतांग गली, हम्क्या नाला, हिंगोली गाड, चोरगाड, सुनला और थांगला क्षेत्र में ट्रैप कैमरे लगाए गए हैं।

औपचारिक जानकारी के अनुसार, ट्रैप कैमरे में हिम तेंदुए की तस्वीर गत वर्ष 27 दिसंबर की है, जिसमें वह लकड़ी की पुलिया पर विचरण कर रहा है।नेशनल पार्क के उपनिदेशक, रंगनाथ पांडे, ने बताया कि पार्क क्षेत्र में करीब 38 से 40 हिम तेंदुए मौजूद हैं। इसके अलावा केदारताल क्षेत्र में सामान्य तेंदुए के साथ हिम तेंदुआ भी नजर आया है।

बता दें, शीतकाल में, गंगोत्री तक मानवीय गतिविधियों की सीमा लगातार बढ़ती है, इसलिए हिम तेंदुए सहित अन्य वन्यजीव पार्क क्षेत्र के निचले क्षेत्रों में विचरण करने की अधिकता दिखती है। इन जीवों को किसी तरह का डर नहीं रहता है और वे स्वच्छंदता से अपनी गतिविधियों को जारी रखते हैं।हालांकि, पार्क के गेट खुलने के बाद मानवीय गतिविधियों में वृद्धि होने से हिम तेंदुए और अन्य वन्यजीव निचले क्षेत्रों में आने से बचते हैं। गंगोत्री नेशनल पार्क हिम तेंदुओं के लिए एक महत्वपूर्ण प्राकृतिक आवास है, जहां भूरे भालू, काला भालू, भरल और अन्य दुर्लभ वन्यजीव भी पाए जाते हैं।

इस नए घटनाक्रम के साथ, गंगोत्री नेशनल पार्क क्षेत्र के प्रशासन ने अपनी प्रयासों को सुनिश्चित किया है कि वन्यजीवों की संरक्षा और वातावरणीय संतुलन की देखभाल के लिए उच्च स्तर पर काम किया जाए। इससे यह साबित होता है कि पार्क क्षेत्र में वन्यजीवों के संरक्षण के लिए उच्चतम मानकों का पालन हो रहा है।