चेक बाउंस के मामले में छः माह की सज़ा

रामनगर। बैंक से चेक बाउंस होने के दो अलग-अलग मामलों में न्यायालय ने एक आरोपी की दोनो मामलों में छः-छः माह के कारावास की सज़ा…

रामनगर। बैंक से चेक बाउंस होने के दो अलग-अलग मामलों में न्यायालय ने एक आरोपी की दोनो मामलों में छः-छः माह के कारावास की सज़ा सुनाते हुए उस पर 1.42 लाख का अर्थदंड लगाया है। अर्थदंड न देने पर आरोपी को तीन माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा।
परिवादी दीनानाथ चावला पुत्र लीलाराम चावला निवासी भवानीगंज रामनगर ने सिविल जज (जू. डि.) की न्यायालय में परिवाद दायर कर आरोप लगाया था कि भवानीगंज निवासी दीपक चावला उर्फ कुक्की पुत्र रमेश चावला जो कि उसके भाई का पोता लगता है, ने अपनी आर्थिक ज़रूरत बताते हुए उससे 2.65 लाख रुपये उधार मांगे थे। रुपये प्राप्त करने के बाद दिये गये उधार का आंशिक भुगतान करने के लिए दीपक चावला ने उन्हें 50 व 65 हज़ार के चेक दिये थे जो कि बैंक में लगाने के बाद बाउंस हो गये थे। इस प्रकरण की न्यायालय में सुनवाई के दौरान अभियुक्त ने अपने बचाव में परिवादी पर अपने घर से चेक चोरी करके ले जाने का आरोप लगाया था। इसके साथ ही आरोपी के अधिवक्ता निसारूद्दीन ने चेक पर ओवरराइटिंग होने का इल्ज़ाम लगाते हुए अभियुक्त के बचाव का प्रयास किया। परन्तु न्यायालय में विद्ववान न्यायाधीश नदीम अहमद द्वारा अभियुक्त के घर से चेक चोरी होने के बयान को चेक चोरी की शिकायत संबंधित बैंक अथवा स्थानीय पुलिस में इसकी सूचना न दिये जाने के आधार पर तथा बचाव पक्ष की चेक पर ओवरराइटिंग होने की दलील को बैंक द्वारा चेक ‘खाते में पर्याप्त धनराशि न होने के आधार पर’ लौटाने के कारण को खारिज करते हुए आरोपी को दोषसिद्ध माना। जिस पर न्यायालय ने अभियुक्त दीपक चावला उर्फ कुक्की को छः माह के कारावास तथा बासठ हज़ार व अस्सी हज़ार (कुल 1.42 लाख) के अर्थदंड से दंडित करने की सज़ा सुनाई। अर्थदंड जमा न करने पर आरोपी तीन माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा। दोनो प्रकरण में परिवादी की ओर से एडवोकेट प्रदीप अग्रवाल ने पैरवी की।