वक्फ संशोधन अधिनियम को लेकर पश्चिम बंगाल में जारी विरोध थमने का नाम नहीं ले रहा है। मुर्शिदाबाद में रविवार को पुलिस ने कार्रवाई करते हुए 12 और प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया। इसके साथ ही अब तक गिरफ्तार किए गए लोगों की संख्या 150 पहुंच गई है। हिंसा में तीन लोगों की मौत और कई पुलिसकर्मियों के घायल होने के बाद पूरे जिले में सुरक्षा व्यवस्था और अधिक कड़ी कर दी गई है।
पुलिस के अनुसार, रविवार को बीते कुछ घंटों के दौरान किसी नई हिंसा की खबर नहीं मिली है। मुर्शिदाबाद के सूती, धुलियां, समसेरगंज और जंगईपुर जैसे इलाकों में स्थिति नियंत्रण में बताई जा रही है, लेकिन ऐहतियात के तौर पर हर संवेदनशील स्थान पर सुरक्षाबलों की तैनाती की गई है। पुलिस हर गतिविधि पर नजर रख रही है और इलाके में लगातार गश्त की जा रही है।
पुलिस ने शनिवार रात कई इलाकों में छापेमारी की, जिसके दौरान 12 लोगों को हिरासत में लिया गया। हिंसा के चलते जिले में इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई हैं और भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 163 के तहत कई तरह की पाबंदियां लागू कर दी गई हैं। मुख्य मार्गों पर आने-जाने वाले वाहनों की गहन तलाशी ली जा रही है।
गौरतलब है कि शुक्रवार को वक्फ संशोधन अधिनियम के विरोध में हुए प्रदर्शनों ने हिंसक रूप ले लिया था। प्रदर्शनकारियों ने पुलिस की गाड़ियों में आग लगा दी थी और सुरक्षाबलों पर पथराव किया गया था। कई मार्गों को अवरुद्ध कर दिया गया, जिससे जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ। मुर्शिदाबाद हिंसा का मुख्य केंद्र रहा, जहां अब तक तीन लोगों की जान जा चुकी है।
शनिवार को समसेरगंज के जाफराबाद इलाके में एक पिता-पुत्र की चाकू से गोदकर हत्या कर दी गई। मृतकों की पहचान हरगोबिंदो दास और चंदन दास के रूप में हुई है। वहीं, सूती में गोली लगने से 21 वर्षीय इलियाज मोमिन की मौत हो गई। हिंसा में अब तक 18 पुलिसकर्मी भी गंभीर रूप से घायल हो चुके हैं। मामले की जांच अभी जारी है और पुलिस का कहना है कि आने वाले दिनों में और गिरफ्तारियां हो सकती हैं।