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यहां स्थित मंदिर दूसरी शताब्दी का है। स्वामी विवेकानन्द 1890 में यहाँ आये थे। इसके अलावा अनेकों पश्चिमी साधक यहाँ आये और रहे।
देवी मंदिर और टॉप में स्थित शिवमंदिर से काफी सुरम्य दृश्य भी पर्यटको को आकर्षित करते हैं। यदि देवी मंदिर की ओर मुंह किया जाय तो बायी ओर और शिवमंदिर जाकर मंदिर की ओर मुंह किया जाय तो ठीक पीछे काफी सुरम्य और सुंदर घाटियों के दर्शन आंगंतुकों को होते हैं। काफी ऊंचा क्षेत्र होने के कारण यहां ठंड भी अपेक्षाकृत अधिक है। बर्फबारी के दौरान भी लोग यहां जाकर प्रकृति का लुत्फ उठाते है। यहां अब पैराग्लाइडिंग और वायनाकुलर लगाने की भी योजना बन रही है।
देशी विदेशी पर्यटकों की सबसे पसंदीदा जगह है कसारदेवी
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