अल्मोड़ा। कोसी नदी में कोसी बैराज के पास सिल्ट (गाद) की समस्या लगातार गंभीर होती जा रही है। बारिश के मौसम में यह समस्या और भी विकराल हो जाती है, जिससे बैराज की कार्यक्षमता प्रभावित होती है। इस समस्या का समाधान केवल बैराज से सिल्ट हटाने तक सीमित नहीं रहना चाहिए, बल्कि ऐसी दीर्घकालिक और प्रभावी योजनाएं बनाई जानी चाहिए, जो सिल्ट को बैराज तक पहुँचने से ही रोक सकें।
समस्या की जड़ और प्रभाव
कोसी नदी अपने उद्गम से कोसी बैराज तक करीब 35 किलोमीटर की यात्रा तय करती है, जिसमें कई सहायक नदियाँ मिलती हैं। इस दौरान विभिन्न कस्बों और छोटे बाजारों से निकलने वाला कूड़ा, प्लास्टिक कचरा, और अन्य अपशिष्ट नदी में प्रवाहित हो जाते हैं। इसके अलावा, बैराज से पहले कई स्थानों पर श्मशान घाट भी स्थित हैं, जिससे पानी की गुणवत्ता पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। बारिश के दौरान तेज बहाव के कारण बड़ी मात्रा में सिल्ट बैराज तक पहुँच जाती है, जिससे जल संग्रहण क्षमता प्रभावित होती है और स्वच्छ पेयजल की आपूर्ति में बाधा उत्पन्न होती है।
समाधान की आवश्यकता
सामाजिक कार्यकर्ता केशव कांडपाल ने सरकार, प्रशासन और जनप्रतिनिधियों से इस समस्या के स्थायी समाधान के लिए ठोस कदम उठाने की अपील की है। उन्होंने सुझाव दिया है कि बैराज से पहले चयनित स्थानों पर चैक डैम बनाए जाएँ, जिससे सिल्ट और अन्य गंदगी बैराज तक पहुँचने से रोकी जा सके।
उन्होंने कहा कि विशेषज्ञों से सलाह लेते हुए समस्या के समाधान के लिए निम्नलिखित कदम उठाए जा सकते हैं:
चैक डैम का निर्माण – नदी के प्रवाह मार्ग पर उचित स्थानों पर छोटे चैक डैम बनाए जाएँ ताकि सिल्ट वहीं रुक सके और बैराज तक न पहुँचे।
वृक्षारोपण अभियान – नदी किनारे अधिक से अधिक वृक्ष लगाए जाएँ ताकि मिट्टी का कटाव कम हो और सिल्ट का बहाव नियंत्रित किया जा सके।
कचरा प्रबंधन प्रणाली – नदी में गिरने वाले कूड़े-कचरे को रोकने के लिए उचित अपशिष्ट निस्तारण व्यवस्था लागू की जाए।
जन-जागरूकता अभियान – स्थानीय लोगों को जागरूक किया जाए कि वे नदी में कचरा न फेंकें और सफाई बनाए रखें।
उन्होंने कहा कि जनप्रतिनिधियों और प्रशासन को चाहिए कि वे इस समस्या को गंभीरता से लें और दीर्घकालिक समाधान के लिए ठोस योजनाएँ बनाएं। कहा कि यदि सही समय पर उचित कदम नहीं उठाए गए, तो भविष्य में कोसी बैराज की जलसंग्रहण क्षमता और अधिक प्रभावित हो सकती है, जिससे अल्मोड़ा की जनता को स्वच्छ पेयजल की आपूर्ति में बाधा आ सकती है।
कांडपाल ने कहा कि कोसी बैराज में सिल्ट की समस्या केवल बारिश के दौरान पैदा होने वाली एक अस्थायी परेशानी नहीं है, बल्कि यह एक दीर्घकालिक संकट का संकेत है। यदि समय रहते प्रभावी समाधान नहीं अपनाए गए, तो यह समस्या और विकराल रूप ले सकती है। प्रशासन, सरकार और स्थानीय लोगों को मिलकर इस मुद्दे का स्थायी हल निकालना होगा ताकि कोसी नदी की स्वच्छता बनी रहे और बैराज का प्रभावी उपयोग किया जा सके।