उधमसिंहनगर, 1 अप्रैल 2020
उधमसिंहनगर: कोरोना वायरस से लड़ाई के इस माहौल में पूरा देश परेशान और वंचितों को मदद करने का काम कर रहा है। वहीं कुछ लोग ऐसे भी हैं जो इंसानियत को दरकिनार कर अपने कार्मिकों को बाहर का रास्ता दिखाने (shock) से भी गुरेज नहीं कर रहे हैं।
प्रधानमंत्री खुद देश के नाम अपने संबोधन में लोगों से एक दूसरे की मदद करने और कंपनियों से भी कर्मचारियों की मदद करने की अपील कर चुके हैं।
बावजूद कई कंपनियों का असहयोगात्मक रुख सामने आया है। यहां उत्तराखंड के रुद्रपुर में एक निजी कंपनी में काम करने वाले इंजीनियर को कंपनी की ओर से 30 मार्च को हटाने का फरमान जारी कर दिया गया।
अनुज कुमार नाम के इस इंजीनियर का कहना है कि वह रुद्रपुर की निजी टेलीकॉम कंपनी में पिछले दो साल से बतौर इंजीनियर काम कर रहे थे। 30 मार्च को उन्हें एक मेल आया जिमसें 31 से उनकी सेवाए समाप्त करने का फरमान था।
अनुज का कहना है कि वह वर्तमान में अपने गृहनगर से बाहर रहते हैं और रुद्रपुर में किराए के कमरें में रहते हैं । वर्तमान में भारत में लॉक डाउन ने चलते वह ही जा भी नहीं सकते और न ही नही नई नौकरी ही उन्हें मिल सकती है।
उन्होंने कहा कि सरकार के अनुसार, कोई भी कर्मचारी अपने कर्मचारी को COVID19 आपातकाल के दौरान बर्खास्त नहीं करेगा, लेकिन यह कंपनी अभी भी ऐसा ही कर रही है। मुझे इस राष्ट्रीय आपातकाल के दौरान कोई नौकरी नहीं मिल रही है। इस स्थिति में वेतन के बिना यहां जीवित रहना मेरे लिए बहुत मुश्किल है।
उन्होंने अपने साथ घटित हुए इस प्रकरण की शिकायत नमो एप पर भी कर दी है। साथ ही स्थानीय प्रशासन तक भी अपनी बात पहुंचाई है।
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