जंगलों को आग से बचाने को शीतलाखेत मॉडल हो सकता है कारगर,विषय विशेषज्ञों ने की अपनाने की अपील

Shitalakhet model can be effective in protecting forests from fire, subject experts appealed to adopt it देहरादून, 25 मई 2024—अंतराष्ट्रीय जैव विविधता दिवस के अवसर…

Shitalakhet model can be effective in protecting forests from fire, subject experts appealed to adopt it

Shitalakhet model can be effective in protecting forests from fire, subject experts appealed to adopt it

देहरादून, 25 मई 2024—अंतराष्ट्रीय जैव विविधता दिवस के अवसर पर देहरादून में उत्तराखंड राज्य जैव विविधता बोर्ड और यूकॉस्ट द्वारा आयोजित कार्यक्रम में जनपद अल्मोड़ा के स्याही देवी शीतलाखेत क्षेत्र में जंगलों और जैव विविधता को वनाग्नि से बचाने हेतु वन विभाग और जंगल के दोस्तों द्वारा किये जा रहे संयुक्त प्रयासों पर चर्चा की गयी।

Shitalakhet model


कार्यक्रम में 2021-23 के बीच अल्मोड़ा के प्रभागीय वनाधिकारी रहे महातिम यादव और स्वास्थ्य उपकेंद्र सूरी के फार्मासिस्ट और जंगल बचाओ -जीवन बचाओ अभियान के संयोजक गजेंद्र पाठक द्वारा जन और तंत्र के सहयोग से स्याही देवी -शीतलाखेत क्षेत्र में वर्ष 2003-4 से चल रहे जंगल बचाओ जीवन बचाओ अभियान की जानकारी दी गयी।


उत्तराखंड के जंगलों, जैव विविधता को आग के कहर से बचाने हेतु जनसहभागिता विशेषकर महिला मंगल दलों के महत्व,फायर लाइन्स, आग बुझाने वालों के लिए 15 लाख तक का बीमा, एएनआर, ओण दिवस आदि विषयों को प्रमुखता से उठाया गया.
यूकॉस्ट के महानिदेशक प्रोफेसर दुर्गेश पंत, जो 2003-4 से जंगल बचाओ – जीवन बचाओ अभियान को सहयोग दे रहे हैँ उन्होंने कहा कि उत्तराखंड के जंगलों को आग से सुरक्षित रखने हेतु मुख्यमंत्री उत्तराखंड पुष्कर सिंह धामी द्वारा वर्ष 2022 में घोषित शीतलाखेत मॉडल को अब पूरे प्रदेश में लागू करने की जरुरत हैं
इस मौके पर पर्यावरणविद अनिल जोशी जी ने भी अपने विचार रखे और इस तरह के मॉडल्स राज्य के अन्य हिस्सों में भी बनाने पर जोर दिया।

कार्यक्रम में उपस्थित वन विभाग के प्रमुख (Hoff ) धनंजय मोहन, प्रसिद्ध पर्यावरणविद डॉ अनिल जोशी ने शीतलाखेत मॉडल को वनाग्नि नियंत्रण और प्रबंधन की दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण मॉडल बताया और इसे मजबूत कर पूरे उत्तराखंड में इसे लागू किये जाने पर जोर दिया।
कार्यक्रम में नरेश कुमार, मुख्य वन संरक्षक, गढ़वाल, रंजन मिश्रा, सदस्य सचिव जैव विविधता बोर्ड,निशांत वर्मा, अपर प्रमुख वन संरक्षक डॉक्टर डीपी उनियाल, सयुंक्त निदेशक, अमित पोखरियाल, डॉक्टर पीयूष जोशी, जागृति उनियाल, संदीप मनराल, नलिन शर्मा सहित सैकड़ो लोग उपस्थित थे।