दिल्ली के कापसहेड़ा इलाके में मौजूद फन एंड फूड विलेज में 3 अप्रैल की शाम एक बेहद दर्दनाक हादसा हुआ, जिसने एक परिवार की खुशियों को हमेशा के लिए खत्म कर दिया। प्रियंका नाम की 24 वर्षीय युवती अपने मंगेतर निखिल के साथ पार्क घूमने आई थी, लेकिन एक रोलर कोस्टर की राइड उनकी जिंदगी की आखिरी राइड बन गई। राइड के दौरान अचानक झूले का स्टैंड टूट गया, जिससे प्रियंका सीधा नीचे जा गिरीं और बुरी तरह घायल हो गईं। आनन-फानन में उन्हें नजदीकी अस्पताल ले जाया गया, लेकिन इलाज के दौरान उन्होंने दम तोड़ दिया।
प्रियंका चाणक्यपुरी के विनय मार्ग स्थित सी-2 ब्लॉक में अपने परिवार के साथ रहती थीं और एक निजी कंपनी में सेल्स मैनेजर के पद पर कार्यरत थीं। फरवरी में उनकी सगाई नजफगढ़ निवासी निखिल से हुई थी और जल्द ही उनकी शादी होने वाली थी। 3 अप्रैल की दोपहर प्रियंका और निखिल ने एक-दूसरे से मिलने और थोड़ा समय साथ बिताने के लिए एम्यूजमेंट पार्क जाने का फैसला किया। दोनों करीब दोपहर एक बजे पार्क पहुंचे और पहले वाटर राइड्स का आनंद लिया। शाम करीब छह बजे जब वे रोलर कोस्टर की तरफ गए, तो राइड शुरू होते ही ऊपर के हिस्से में झूले का स्टैंड टूट गया और प्रियंका हवा से सीधे जमीन पर गिर पड़ीं।
हादसे की सूचना मिलते ही कापसहेड़ा थाना पुलिस मौके पर पहुंची और प्रियंका के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा। पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया गया। पुलिस ने मंगेतर निखिल के बयान के आधार पर एफआईआर दर्ज कर ली है और मामले की जांच शुरू कर दी है।
इस हादसे के बाद प्रियंका के भाई मोहित ने वाटर पार्क प्रशासन पर गंभीर लापरवाही का आरोप लगाया है। मोहित का कहना है कि पार्क में सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम नहीं थे और दुर्घटना के बाद प्रियंका को अस्पताल पहुंचाने में भी काफी देरी की गई। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि हादसे के बाद पार्क के उस हिस्से को मरम्मत के नाम पर बंद कर दिया गया, जिसमें रोलर कोस्टर शामिल था। मोहित का कहना है कि अगर उस झूले की हालत ठीक नहीं थी, तो उसे खुला ही क्यों रखा गया। उनका साफ आरोप है कि यह पूरी घटना पार्क की लापरवाही का नतीजा है और लोगों की जान के साथ खुलेआम खिलवाड़ किया जा रहा है।
प्रियंका की मौत ने एम्यूजमेंट पार्कों की सुरक्षा व्यवस्थाओं पर एक बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है। यह हादसा एक चेतावनी है कि मनोरंजन के नाम पर चलने वाली ऐसी जगहों पर अगर सुरक्षा को लेकर सख्ती नहीं बरती गई, तो आगे भी इसी तरह की घटनाएं दोहराई जा सकती हैं। अब देखना यह है कि जांच में क्या सामने आता है और क्या दोषियों को उनके किए की सजा मिल पाती है या यह मामला भी बाकी हादसों की तरह फाइलों में दफ्न होकर रह जाएगा।