Almora: एसएसजे विश्वविद्यालय में वनाग्नि रोकथाम एवं पर्यावरण संरक्षण को लेकर आयोजित हुआ सेमिनार

अल्मोड़ा। 23 अप्रैल 2022- सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय के वानिकी एवं पर्यावरण विज्ञान विभाग में ‘फाॅरेस्ट फायर एंड वाइल्ड कंफलिक्ट इन कुमाऊँ हिमालया’ विषय पर…

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अल्मोड़ा। 23 अप्रैल 2022- सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय के वानिकी एवं पर्यावरण विज्ञान विभाग में ‘फाॅरेस्ट फायर एंड वाइल्ड कंफलिक्ट इन कुमाऊँ हिमालया’ विषय पर एक दिवसीय सेमिनार का आयोजन किया गया। उद्घाटन अवसर पर मुख्य अतिथि रूप में विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो0 नरेंद्र सिंह भंडारी, बीज वक्ता रूप में अल्मोड़ा के डीएफओ महातिम यादव, अधिष्ठाता प्रशासन प्रो0 प्रवीण बिष्ट, संकायाध्यक्ष, विज्ञान प्रो0 जया उपे्रती,  सेमिनार के संयोजक प्रो0 अनिल कुमार यादव, अधिष्ठाता शैक्षिक प्रो0 शेखर चंद्र जोशी, डाॅ0 मनमोहन कनवाल आदि ने उद्घाटन किया।

इस अवसर पर सेमिनार के संयोजक एवं वानिकी एवं पर्यावरण विज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो0 अनिल कुमार यादव ने सेमिनार के संबंध में विस्तार से रूपरेखा प्रस्तुत की। उन्होंने वानिकी एवं पर्यावरण विज्ञान विभाग, ग्रीन आडिट एवं हरेला पीठ आदि के संबंध में प्रकाश डाला एवं अतिथियों का स्वागत किया। सेमिनार के मुख्य अतिथि रूप में कुलपति प्रो0 नरेंद्र सिंह भंडारी ने कहा कि वन विभाग के ऊर्जावान डीएफओ ई0 महातिम यादव एवं प्रो0 अनिल यादव के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय में वन विभाग, अल्मोड़ा और सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय के वानिकी एवं पर्यावरण विज्ञान विभाग द्वारा पर्यावरण के संरक्षण, जल संवर्धन, अकादेमिक आदान-प्रदान, शोध, हरेला पीठ का संचालन आदि को लेकर विविध कार्यक्रमों का संचालन किया जा रहा है। कहा कि विश्वविद्यालय द्वारा इन सभी संदर्भों पर प्रमुखता से कार्य किया जा रहा है।

बीज वकतव्य देते हुए अल्मोड़ा के डीएफओ ईजी0 महातिम यादव ने कैंन कटिंग ट्री, कंट्रीब्यूट टू क्लाइमेट चंेज विषय पर अपना व्याख्यान दिया और कहा कि विश्ववि़द्यालय एवं वन विभाग के सहयोग से शोध और अध्ययन को बढ़ावा मिलेगा। हम दोनों संस्थानों ने मिलकर एमओयू किया है। उन्होंने कहा कि आज वन आधारित शोध को बढ़ावा देना होगा। विश्वविद्यालय के सहयोग से हम वन डिविजन को और अधिक बेहतर बना सकते हैं। उन्होंने अपने व्याख्यान में चिपको आंदोलन, कुमाऊँ के वनों का इतिहास, पादप समुदाय के विकास, चीड़ के जंगल आदि पर केंद्रित बात रखी। भविष्य में इनके सहयोग से हम वृहद कार्यक्रमों के संचालन के लिए तैयारी कर रहे हैं। उन्होंने विश्वविद्यालय के कुलपति के प्रयासों को सराहते हुए उनका सहयोग मांगा।

बी0 पी0 जोशी ने वन विभाग, वनाग्नि, मानव एवं जंगली जानवरों के संघर्ष आदि पर केंद्रित व्याख्यान दिया। इस अवसर पर स्याहीदेवी विकास मंच के गजेंद्र पाठक, फाॅरेस्ट गार्ड बलवंत, फाॅरेस्ट रेंज आफिसर गंगाशरण ने अपने विचार प्रस्तुत किए। सेमिनार में ग्रीन आडिट/इवायरोनमेंटल आडिट रिपोर्ट-2021-22 का विमोचन किया गया और विद्यार्थियों को प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया।

कार्यक्रम में अधिष्ठाता शैक्षिक प्रो0 शेखर चंद्र्र जोशी ने आभार जताया।
इस अवसर पर विभाग के डाॅ0 मनमोहन कनवाल ने सहयोग दिया एवं कार्यक्रम का संचालन सौरभ नेगी ने किया। सेमिनार में डाॅ0 उमंग, डाॅ0 धनी आर्या, डाॅ0 संदीप कुमार, डाॅ0 विभाष मिश्रा, डाॅ0 मंजूलता उपाध्याय, डाॅ0 मनीष त्रिपाठी, डाॅ0 अरविंद पांडे सहित विभाग के विद्यार्थी, शिक्षक एवं शोधार्थी मौजूद रहे।