पिथौरागढ़। नगरपालिका हाल पिथौरागढ़ में शहर के साहित्य प्रेमियों, लेखकों और पत्रकारों ने हिंदी के अप्रतिम कथाकार दिवंगत शेखर जोशी को श्रद्धांजलि दी और उनके कृतित्व को याद किया। गत बुधवार को आयोजित श्रद्धांजलि सभा में वरिष्ठ पत्रकार बद्रीदत्त कसनियाल, साहित्यकार व पत्रकार प्रेम पुनेठा, साहित्यकार शिक्षक चिंतामणि जोशी, सामाजिक कार्यकर्ता उमेश जोशी, गोविंद कफलिया, कवियित्री आशा सौन, कवि नीरज जोशी, आरंभ स्टडी सर्कल के दीपक कापड़ी, विनोद उप्रेती और अनेक छात्र युवा उपस्थित थे।
प्रेम पुनेठा ने शेखर जोशी की प्रसिद्ध रचनाओं कोशी का घटवार, दाज्यू, बदबू आदि का जिक्र किया और हिंदी साहित्य में उनके योगदान को याद किया।
वरिष्ठ पत्रकार बीडी कसनियाल ने शेखर जोशी के संघर्ष और पहाड़ तथा कारखानों की पृष्ठभूमि पर लिखी उनकी कहानियों की चर्चा की और कथा साहित्य में शेखर जोशी के अवदान को महत्वपूर्ण बताया।
उमेश जोशी और चिंतामणि जोशी ने उनके सरल व्यवहार और संघर्षपूर्ण जीवन की चर्चा की। आशा सौन ने शेखर जोशी को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि वह सरल, सहज साहित्यकार थे उनका योगदान हमेशा याद किया जाएगा। दिनेश भट्ट ने शेखर जोशी की कुमाउनी कविता और हिंदी कथाओं पर बात रखी। कार्यक्रम का संचालन विनोद उप्रेती ने किया।