अल्मोड़ा में स्वास्थ्य की अव्यवस्थाओं को लेकर धर्मनिरपेक्ष युवा मंच ने किए अस्पताल के पीएमएस से सवाल

अल्मोड़ा में स्वास्थ्य की अव्यवस्थाओं

अल्मोड़ा में स्वास्थ्य की अव्यवस्थाओं

Secular youth forum questions PMS of hospital in Almora regarding health disorders अल्मोड़ा में स्वास्थ्य की अव्यवस्थाओं

अल्मोड़ा,25 अगस्त 2020— कटारमल गांव के गर्भवती महिला की अस्पताल में हुई मौत के बाद हर कोई आक्रोशित है।
धर्मनिरपेक्ष युवा मंच के कार्यकर्ताओं ने स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर बनाने की मांग को लेकर मंच कार्यकर्ताओं ने कहा कि लापरवाही और अव्यवस्थाओं के चलते महिला और उसके अजन्में बच्चे की असमय मौत हो गई है।
अल्मोड़ा में स्वास्थ्य की अव्यवस्थाओं

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इस मौके प र कटारमल प्रधान बलवीर बिष्ट ने बताया कि उस दिन महिला के साथ आये उनके जेठ का कहना है कि महिला को बुखार आया था,कोविड की जांच के लिए बेस अस्पताल ले जाया गया,जहा कोविड की रिपोर्ट नेगेटिव आयी,महिला को सास लेने में दिक्कत आ रही थी,बेस से महिला को जिला अस्पताल रेफर किया गया,जिला अस्पताल पहुचने तक ऑक्सीजन सिलेंडर में ऑक्सीजन खत्म हो गयी थी,जिस कारण मृत महिला को सास लेने में तकलीफ होने लगी,और अन्त् में गर्भवती महिला को जान से हाथ धोना पड़ा।
मंच ने कहा कि कोविड के इलाज के किये सरकार जितनी संवेदनशील है,उतनी ही संवेदनशीलता अन्य गंभीर बीमारियों के इलाज के लिए भी दिखाए,विशेष रूप से प्रसव प्रीडित महिलाओं का इलाज भी उतने ही संवेदनशीलता के साथ किया जाय,जितना कोविड का इलाज किया जा रहा है।
अल्मोड़ा में स्वास्थ्य की अव्यवस्थाओं

कहा कि अस्पतालों में कम से कम ऑक्सीजन व अन्य बुनियादी सुविधाएं हमेशा उपलब्ध हो,साथ ही किसी भी प्रकार की अति आवश्यक जीवन बचाने वाले उपकरण कि कमी होने पर कम से कम 15 दिन पहले उनके उपलब्ध्ता सुनिश्चित की जाए,क्योंकि जान बचाने की मुहिम कोविड है,तो प्रसव पीड़ित को बचाना भी जान बचाने की मुहिम है,जिस प्रकार कोरोना की मौत को सरकारें संज्ञान ले रही है,उसी प्रकार की प्रसव पीड़ित की जान गई,उसकी मौत को भी संज्ञान में लिया जाय।


मंच संयोजक विनय किरौला ने बताया कि सरकारें गाँव-गाँव मे राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन व ईसीडीएस जैसी योजनाओं से प्रचार करती है कि प्रसव सरकारी अस्पतालों में ही करें,और अस्पताल में 24 साल की महिला और उसके अजन्मे बच्चे की मौत हो जाती है।
मंच के सदस्य सुन्दर लटवाल ने बताया कि मंच शासन प्रशासन से कहना चाहता है कि सरकार जिला स्वास्थ्य समिति के माध्यम से पारदर्शिता से सुनिश्चित करे कि किस लेवल तक प्रसव पीड़ित को जिला अस्पतालों में इलाज मिलेगा,और क्या सुविधायें न होने पर हायर सेंटर रेफर किया जाएगा।
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इस अवसर पर आक्रोश व्यक्त करने वालों में धर्म निरपेक्ष युवा मंच के संयोजक विनय किरौला,ग्राम प्रधान झसियाटाना प्रेमा देवी,प्रधान टाटिक ममता आर्या,ग्राम प्रधान कटारमल बलवीर बिष्ट,ग्राम प्रधान तलाड़बाड़ी किशन ​बिष्ट,तेज सिंह कनवाल,पवन मुस्युनी, विनोद मुस्यूनी,सुन्दर लटवाल, धीरज कुमार,पंकज कुमार,निरंजन पांडेय,दीपक विष्ट,सुन्दर लटवाल,पंकज नेगी,हरीश लटवाल,भास्कर कुमार,तेज सिंह कनवाल,प्रेम सिंह लटवाल,कमलेश जोशी,भगवंत सिंह,नंदन सिंह, बच्चन सिंह लटवाल आदि मौजूद थे।
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