नैनीताल। उत्तराखंड के विभिन्न विभागों में कार्यरत चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के लिए अच्छी खबर है। उत्तराखंड हाईकोर्ट ने चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को छठे ग्रेड पे का लाभ दिए जाने के मामले पर सुनवाई करते हुए उत्तराखंड राज्य सरकार की विशेष अपील को निरस्त किया है और एकलपीठ के आदेश हुए को बरकरार रखा है।
बताते चलें कि पूर्व में एकलपीठ ने राज्य सरकार को आदेश दिए थे कि चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को छठे ग्रेडपे का लाभ एक जनवरी 2006 से दिया जाए।
जानकारी के अनुसार हाईकोर्ट में मामले को सुनने के बाद मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी व न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे की खण्डपीठ ने राज्य सरकार की विशेष अपील को निरस्त किया है।
बता दें कि उत्तराखंड सरकार ने एकलपीठ के आदेश के खिलाफ विशेष अपील दायर की थी। मामले के अनुसार चतुर्थ श्रेणी वन कर्मचारी संघ ने 2019 में याचिका दायर कर कहा था कि उनको सरकार छठे ग्रेड पे का लाभ 2011 से दे रही है।
याचिका में यह भी कहा था कि चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के चार ग्रेड पे थे। इसे केंद्र सरकार ने 2008 में मर्ज कर 1800 कर दिया था। राज्य सरकार ने इसे 24 मार्च 2011 से लागू किया। इसे कर्मचारियों ने कोर्ट में चुनौती दी। कोर्ट ने पूर्व में सरकार के आदेश को निरस्त करते हुए करते हुए चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को यह लाभ एक जनवरी 2006 से देने के आदेश दिए थे।