वीपीकेएएस अल्मोड़ा की वैज्ञानिक कुशाग्रा को उत्कृष्ट लेख के लिए किया गया सम्मानित

भाकृअनुप– विवेकानन्द पर्वतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, अल्मोड़ा की वैज्ञानिक डॉ कुशाग्रा जोशी के लेख को स्वर्णिमा“ पत्रिका में जगह मिली हैं।कुशाग्रा ने यह लेख “पर्वतीय…

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भाकृअनुप विवेकानन्द पर्वतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, अल्मोड़ा की वैज्ञानिक डॉ कुशाग्रा जोशी के लेख को स्वर्णिमा“ पत्रिका में जगह मिली हैं।कुशाग्रा ने यह लेख “पर्वतीय क्षेत्रों में महिला कृषक सशक्तिकरणः मुद्दे एवं संभावनाएं“ विषय पर लिखा हैं। इस लेख में कुशाग्रा ने पर्वतीय कृषिगत महिलाओं के कृषि में सहभागिता, महिला कृषको की विशिष्ट समस्यायें,महिलाओं की कृषक के रूप में सीमित पहचान, कठिन श्रम एवं व्यावसायिक जोखिम, अपर्याप्त पोषण आदि विषयों को रेखांकित​ किया हैं।

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इसके साथ ही पर्वतीय कृषिगत महिलाओं की स्थिति में सुधार के लिए कारगर रणनीति के बारे में भी उल्लेख किया हैं।यह लेख लैंगिक कृषि में मुद्दों पर कार्य करने वाले शोधकर्ताओं एवं पॉलिसी निर्माताओं के लिए विशेष रूप से रुचिकर है। कुशाग्रा का यह लेख भाकृअनुप-भारतीय गेहूँ एवं जौं अनुसन्धान संस्थान, करनाल द्वारा प्रकाशित प्रतिष्ठित पत्रिका “गेहूं एवं जौं स्वर्णिमा“ में प्रकाशित किया गया है।

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सर्वश्रेष्ठ लेख के लिए वैज्ञानिक डॉ कुशाग्रा जोशी को भारतीय गेहूँ एवं जौं अनुसन्धान संस्थान, करनाल के स्थापना दिवस समारोह के अवसर पर भारत सरकार के भूतपूर्व कृषि आयुक्त एवं कृषि वैज्ञानिक चयन मण्डल के भूतपूर्व अध्यक्ष डॉ0 गुरूबचन सिंह ने माध्यम से पुरस्कृत किया। संस्थान के निदेशक डा लक्ष्मीकान्त ने इस सम्मान के लिए डॉ कुशाग्रा को बधाई दी। कार्यक्रम में भाकृअनुप- विवेकानन्द पर्वतीय कृषि अनुसंधान संस्थान के निदेशक डॉ लक्ष्मी कांत एवं वैज्ञानिक ऑनलाइन माध्यम से मौजूद रहे।